लखनऊ. मारे गए गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद के बेटे अली अहमद पर रंगदारी मांगने और जेल के अंदर से धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है, पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है. अली फिलहाल रंगदारी और एक प्रॉपर्टी डीलर से मारपीट के मामले में नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. चायल के पूर्व विधायक आसिफ जाफरी के भाई मोहम्मद वासिक जाफरी और एक अन्य व्यक्ति की शिकायतों के बाद अली के खिलाफ हाल ही में जबरन वसूली की एफआईआर प्रयागराज के करेली पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी.
पूर्व विधायक आसिफ जाफरी के भाई मोहम्मद वासिक जाफरी ने अपनी शिकायत में अली अहमद और अतीक के गुर्गों असद कालिया और इमरान पर जमीन के एक टुकड़े को लेकर उससे ₹10 लाख की मांग करने का आरोप लगाया. इस जमीन को उसके रिश्तेदारों ने कुछ साल पहले ही खरीदा था. वासिक ने आरोप लगाया कि उन्होंने (अली) जमीन पर कोई भी काम करने से पहले उन्हें रकम नहीं देने पर जान से खत्म करने की धमकी दी. जाफरी का आरोप है कि यह सब जेल के अंदर अली की मौजूदगी में धमकी दी गई थी.
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करेली पुलिस थाना के स्टेशन हाउस अधिकारी (SHO) रामाश्रय यादव ने कहा, “एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच चल रही है. प्रयागराज के कसारी मसारी इलाके के निवासी मोहम्मद अफजल की शिकायत पर भी एक एफआईआर दर्ज की गई है. शिकायतकर्ता ने कहा कि 7 अगस्त को कई हमलावरों ने उस पर जानलेवा हमला किया, इसके अलावा अली और अतीक के बेटे असद के नाम पर उससे 30 लाख रुपये की मांग की गई. गौरतलब है कि जिस असद के नाम पर रंगदारी मांगी गई वह जुलाई में यूपीएसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. करेली पुलिस ने अफजल की शिकायत के संबंध में कुछ संदिग्धों को बुलाया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है.
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मार्च में जेल के अधिकारियों के हवाले से खबर छपी थीं कि जेल में बंद माफिया डॉन अतीक अहमद का बेटा अली अहमद नैनी सेंट्रल जेल में उच्च सुरक्षा बैरक में बंद है और एक अनुशासित जीवन जी रहा है. जेल अधिकारियों ने दावा किया था कि जहां अली को रखा गया है उस उच्च सुरक्षा वाले बैरक के अंदर सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं. उस पर निगरानी के लिए सीसीटीवी सेटों का एक विस्तृत नेटवर्क स्थापित किया गया है. बैरक के बाहर बॉडी-वॉर्न कैमरों से लैस सुरक्षा कर्मियों को भी तैनात किया गया है. ऐसे में अली का रंगदारी मांगने का नया मामला सामने आने से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं.
प्रयागराज के एक स्कूल से इंटरमीडिएट पास करने के बाद एक प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला लेने वाले अली का नाम सबसे पहले 2021 में करेली थाने में एक प्रॉपर्टी डीलर से रंगदारी मांगने और धमकी देने के आरोप में एफआईआर में दर्ज किया गया था. जुलाई 22 में प्रयागराज की एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण करने तक वह फरार रहा था.