Lucknow News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi murmu) ने मंगलवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान लखनऊ (IIIT Lucknow) के दूसरे दीक्षांत समारोह में युवाओं को विकसित भारत के संकल्प के तहत काम करने का मंत्र दिया, वहीं उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सकारात्मक पहलू और उसकी चिंताओं का भी जिक्र किया. दीक्षांत समारोह में कुल 315 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई, जिनमें 61 छात्राएं और 254 छात्र शामिल हैं. इस दौरान वर्ष 2018, 2019, 2020 और 2021 के पास आउट छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं. इसके अलावा बीटेक सहित विभिन्न विभागों के साथ टॉपर्स को गोल्ड मेडल दिया गया. राष्ट्रपति ने कुलाधिपति आनंनदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में अपने संबोधन में कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इमोशनल इंटेलिजेंस को भी महत्व दें. हमें यह याद रखना होगा कि एआई साध्य नहीं बल्कि एक साधन है, जिसका उद्देश्य मानव जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने हमारे प्रत्यक्ष निर्णय से सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति लाभान्वित करना जरूरी है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि छात्र-छात्राओं से कहा कि आपको प्रतिज्ञा करनी होगी कि जब भारत अपने आजादी के 100 साल पूरे कर रहा हो तब आने वाली पीढ़ियां, एक ऐसे भारत में जन्म लें, जो संपन्न, समृद्ध हों और जहां विकास समावेशी हो. उन्होंने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग मानव जीवन को आसान बनाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साधन साबित हो रहे हैं. अपने व्यापक अनुप्रयोग के साथ ये हमारे जीवन के लक्ष्य के सभी पहलुओं को छू रहा है. हेल्थ एजुकेशन, एग्रीकल्चर, स्मार्ट सिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट मोबिलिटी और ट्रांसपोर्टेशन आदि सभी क्षेत्रों में एआई और मशीन लर्निंग हमारे जीवन के लक्ष्य के सभी पहलुओं को छू रहा है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अहमियत बताने के साथ उसके खतरों को लेकर भी आगाह किया. उन्होंने कहा कि हमें एआई के प्रयोग के साथ उत्पन्न हुई नैतिक दुविधाओं का निराकरण सबसे पहले करना होगा.चाहे ऑटोमेशन के कारण उत्पन्न दुविधा हुई या रोजगार की समस्या हो या फिर आर्थिक असमानता की चौड़ी होती खाई हो, हमें हर समस्या के लिए रचनात्मक हल ढूंढना होगा. उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारत दुनिया के सबसे जवान देश में से एक है. हमारी 55 प्रतिशत से अधिक आबादी 25 वर्ष से कम उम्र की है. हम एक प्रगतिशील लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं और हमारा सपना है कि 2040 तक भारत एक विकसित देश बने. आपका दायित्व है कि न केवल इस विजन के भागीदार बनें बल्कि इसे पूरा करने के लिए अपना सर्वस्य लगा दें.
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इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा देश आज दुनिया के अंतर्गत एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरता हुआ दिखाई दिया है. हम सब एक नए भारत का दर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कर रहे हैं. पिछले 9 से 10 वर्षों के अंदर अपने देश की बदलती हुई तस्वीर को देखा होगा, जिसमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भारत ने अपनी युवा ऊर्जा के लिए अनेक संभावनाओं के द्वार खोले हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप उत्तर प्रदेश में है तो नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश की संभावनाओं के साथ आपको कार्य करने के अवसर के रूप में मैं सादर आमंत्रित भी करता हूं. उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2027 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर के समक्ष रखने का संकल्प देशवासियों को दिया है. उत्तर प्रदेश इसके साथ वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने की दिशा में अग्रसर हुआ है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म का मतलब केवल उपासना विधि से नहीं है. धर्म अपने कर्तव्यों के प्रति, नैतिक मूल्यों के प्रति हमें जागरुक करने और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की नई प्रेरणा प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी आज बेहद सशक्त माध्यम है. टेक्नोलॉजी के युग में आपने देखा होगा कि आज इज ऑफ डूइंग बिजनेस और इस ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी हुई है. भ्रष्टाचार पर प्रहार हुआ है. लोगों के जीवन में परिवर्तन करने का माध्यम मिला है. उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी का उपयोग हमें किस रूप में करना है, यह आज की आवश्यकता के अनुरूप इस नए उत्तर प्रदेश में चाहे हमारी सरकार ध्यान दे रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस के साथ और कनेक्टिविटी, डिजिटल रिलेशन और वर्चुअल कनेक्टिविटी के विकास पर हम लोगों ने विशेष ध्यान दिया है. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में आईआईटी के साथ एक साझेदारी की गई है.
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने जो अपने लक्ष्य निर्धारित किए हैं, उसके तहत प्रदेश के अंदर फरवरी 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत अब तक 40 लाख करोड़ रुपए के प्रस्ताव प्रदेश सरकार को मिले हैं. इसमें खास तौर पर उत्तर प्रदेश को डाटा सेंटर का हब बनाने, प्रदेश में सेमीकंडक्टर, स्टार्टअप और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के विकास से संबंधित तमाम ऐसे प्रस्ताव हमें मिले हैं, जिनको करियर के रूप चुना जा सकता है.