लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्रत्येक ब्लाक के तीन गांव में शिक्षा विभाग के अधिकारी चौपाल लगाएंगे. इस चौपाल में बच्चों और उनके पालकों को शिक्षा का महत्व बताया जाएगा. राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार छोटे बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रयासरत है. इसी क्रम में सरकार निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन एवं समयबद्ध लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर रही है. इस मिशन को गति प्रदान करने तथा जनसमुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रत्येक माह समुदाय स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में ‘शिक्षा चौपाल’ आयोजित कराए जाने का निर्णय लिया है. इसके माध्यम से खंड शिक्षा अधिकारी जनभागीदारी एवं अभिभावकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक माह विकासखंड के 3 ग्रामों में शिक्षा चौपाल का आयोजन कराएंगे.
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महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के आदेश के अनुसार, शिक्षक चौपाल में अधिक से अधिक जनभागीदारी के लिए खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के एक सप्ताह पूर्व कार्यक्रम स्थल एवं तिथि का निर्धारण करते हुए अपने विकासखंड में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए तथा संबंधित शिक्षकों एवं अभिभावकों को आमंत्रित किया जाए. चौपाल की समयावधि लगभग 01 घंटे की होगी. चौपाल की तैयारी के लिए एआरपी से अपेक्षित सहयोग प्राप्त करते हुए कार्यक्रम का सफल संचालन किया जाए.
चौपाल में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, प्रबुद्ध वर्ग. मीडिया प्रतिनिधि आदि को भी आमंत्रित किया जाए. शिक्षा चौपाल के दौरान शिक्षकों, अभिभावकों एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को जागरूक करते हुए अपने विद्यालय को निपुण बनाने की स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित की जाए. शिक्षा चौपाल में निपुण लक्ष्य प्राप्त करने वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, अभिभावकों एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को सम्मानित किया जाए एवं उनके विशिष्ट सहयोग तथा सफलता की कहानियों को भी साझा किया जाए. विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को भी शिक्षा चौपाल में आमंत्रित कर सम्मानित किया जाए. इस प्रकार प्रत्येक माह अलग-अलग 03 ग्रामों में शिक्षा चौपाल आयोजित करने की प्रभावी रणनीति विकसित की जाए.
शिक्षा चौपाल के एजेंडे के अनुसार, अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने तथा अपेक्षित अधिगम स्तर की प्राप्ति के लिए शिक्षकों से संवाद स्थापित करने को प्रेरित किया जाएगा. खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों की पहचान कर उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए प्रशंसित एवं सम्मानित किया जाएगा. इसके अतिरिक्त ब्लॉक को निपुण बनाने के लिए बीईओ द्वारा अपनाई गई रणनीति पर विशेष चर्चा की जाएगी. साथ ही समस्त अभिभावकों को निपुण लक्ष्य एप डाउनलोड करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा.
यूपी सरकार विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित में राज्य के योग्य शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी. आईआईटी-गांधीनगर के विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे, जो विषयों के बारे में अपने ज्ञान को अन्य शिक्षकों और छात्रों तक पहुंचाएंगे. यूपी सरकार विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित में राज्य के योग्य शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी. आईआईटी-गांधीनगर के विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे, जो विषयों के बारे में अपने ज्ञान को अन्य शिक्षकों और छात्रों तक पहुंचाएंगे.
सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि योजना के तहत विशेषज्ञों द्वारा कुल 80 ऑनलाइन सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें प्रति सप्ताह एक सत्र होगा. गौरतलब है कि 2022-23 में उत्तर प्रदेश के विशेष रूप से योग्य शिक्षकों के लिए आईआईटी-गांधीनगर के विशेषज्ञों द्वारा पांच दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था. इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए,राज्य के शिक्षा मानकों को ऊपर उठाने के मिशन को अब ऑनलाइन आयोजित लाइव सत्रों के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा.
स्कूल शिक्षा निदेशक विजय किरण आनंद ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कार्यक्रम की निरंतरता बनाए रखने और राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में एसटीईएम की अवधारणा को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. राज्य के एआरपी, एसआरजी और विज्ञान और गणित के मास्टर प्रशिक्षकों के लिए आईआईटी-गांधीनगर, गुजरात द्वारा 80 ऑनलाइन सत्र आयोजित किए जाएंगे.
पहला सत्र 20 जुलाई को दोपहर 3 बजे से 4 बजे के बीच होगा. इसके बाद, हर हफ्ते गुरुवार को दोपहर 3-4 बजे तक ऑनलाइन सत्र आयोजित किए जाएंगे. एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “जिले के सभी एसआरजीएस, एआरपीएस, मास्टर्स ट्रेनर्स, डीआईईटी मेंटर (गणित/विज्ञान) और केजीबीवी गणित और विज्ञान शिक्षकों को इन सत्रों में अनिवार्य रूप से भाग लेने के लिए निर्देशित किया गया है.” उन्होंने कहा, “सत्र कागज के साथ गणितीय खेल, मोमबत्तियों के साथ विज्ञान प्रयोग, गणितीय पहेलियां और स्कूल प्रांगण में छिपे जीवन विज्ञान जैसे विषयों पर आयोजित किए जाएंगे.