बदायूं में तैनात सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय की मौत के बाद सिसासत तेज हो गई है. इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा शासन में महिला की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के बांदा में कुछ हफ्ते पहले एक महिला जज ने इच्छा मृत्यु मांगी. अब बदायूं में एक महिला जज का शव उनके घर में पाया गया है, जिसकी जांच पर उनके परिवार ने गंभीर सवाल उठाए हैं. भाजपा राज में महिला जजों की सुरक्षा का ये हाल है तो सोचिए कि एक सामान्य लड़की हर दिन किस भय के साथ जीती होगी. प्रियंका गांधी ने आगे लिखा कि एनसीआरबी के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश नंबर-1 है. हर घंटे आठ महिलाएं अपराध का शिकार बनती हैं. यूपी महिलाओं के लिए पूरी तरह असुरक्षित हो चुका है, क्योंकि सुरक्षा के सारे बड़े-बड़े दावे सिर्फ विज्ञापनों में हैं. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के आंकड़े यह दिखाते हैं कि सरकार असल में महिला सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है. अब महिलाओं और समाज की जागरूकता ही उन्हें दमन और हिंसा के इस भंवर से निकालेगी.
उप्र के बाँदा में कुछ हफ्ते पहले एक महिला जज ने इच्छा मृत्यु मांगी। अब बदायूँ में एक दूसरी महिला जज का शव उनके घर में पाया गया है, जिसकी जांच पर उनके परिवार ने गंभीर सवाल उठाए हैं। भाजपा राज में महिला जजों की सुरक्षा का ये हाल है तो सोचिए कि एक सामान्य लड़की हर दिन किस भय के साथ…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 4, 2024
गौरतलब है कि बदायूं में शनिवार सुबह सरकारी आवास में सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय (29) का शव फंदे से लटका मिला था. कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. कर्मचारियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उनके आवास का दरवाजा तोड़ा और शव को नीचे उतारा. पुलिस के मुताबिक छानबीन में कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था. वहीं उनके पिता अशोक राय ने हत्या का आरोप लगाते हुए अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. अगले दिन पोस्टमार्टम कराया गया. रिपोर्ट में मौत की वजह हैंगिंग बताई गई. जानकारी के मुताबिक जज ज्योत्सना राय ने अपनी मौत से पहले अपने मोबाइल फोन से कई नंबरों पर बात की थी. पुलिस तफ्तीश में वे परिजनों और उनके दोस्तों के निकले हैं. फिलहाल शहर कोतवाली पुलिस हत्या के एंगल पर जांच कर रही है. अगर इसमें साक्ष्य नहीं मिले तो मुकदमा आत्महत्या में तरमीम कर दिया जाएगा. वहीं एसएसपी आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि परिवार वालों ने हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है. पहले परिवार वालों की बात सुनी जाएगी. अगर वह कोई साक्ष्य देते हैं तो उस पर अमल किया जाएगा. उन साक्ष्यों को मुकदमे में शामिल किया जाएगा. अगर हत्या के एंगल पर कोई साक्ष्य नहीं मिलते हैं तो मुकदमे को आत्महत्या में तरमीम कर दिया जाएगा. इससे पहले परिवार वालों से ही बात की जाएगी.
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