लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्यारोपी शूटर सनि सिंह की पारिवारिक स्थिति बड़ी ही दयनीय रही है. आरोपी सनि के पिता एक सरपंच का ट्रैक्टर चलाते थे. गरीबी में पला सनि सिंह इतने बड़े हत्याकांड को अंजाम देगा, इसे सुनकर हर कोई हैरान है. शूटर शनि सिंह उर्फ पुराने (25) हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहना वाला है. बताया जा रहा है कि शनि सिंह दो भाइयों में सबसे छोटा है. ये बचपन से ही आवारा किस्म का रहा है. शूटर की मां गरीबी के कारण शादी समारोह में पूड़ी बेलने का काम करती थी. वहीं इसका एक भाई पिंटू सिंह घर परिवार चलाने के लिए चाय की दुकान किए है. सनि का घर पीएम आवास योजना में बना है. पूरा परिवार भूमिहीन है. जगत सिंह की मौत के बाद पत्नी कृष्णा देवी अपने मायके चली गई थीं. ये अब सुमेरपुर क्षेत्र के टेढ़ा गांव में अपने रिश्तेदार के यहां रहती हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शूटर सनि सिंह छह साल पहले ही घर से भाग गया था. इसके बाद से सनि सिंह का घर आना जाना बंद है. शूटर सनि सिंह के बड़े भाई मंगल सिंह की मौत के बाद मां एक बार घर आई थी, फिर अगले दिन वह वापस चली गई. तब से मां भी यहां नहीं आती है. जानकारी के अनुसार, सनि सिंह कई साल पहले कामतानाथ के दर्शन करने के लिए चित्रकूट गया था, जहां पर साथी बाबू यादव से उसका विवाद हो गया था. विवाद के बाद सनि सिंह ने वापस आने के बाद बाबू यादव पर फायरिंग की थी. कुरारा थाना पुलिस के अनुसार सनि सिंह के खिलाफ थाने में 14 मामले दर्ज हैं. इसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट की भी कार्रवाई की गई थी. ये थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है.
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बताया जा रहा है कि आपराधिक घटनाओं में शामिल शनि सिंह हमीरपुर की जेल में काफी समय तक बंद रहा. उस समय यहां जेल में माफिया सुंदर भाटी भी बंद था. माना जा रहा है कि जेल में ही शनि सिंह सुंदर भाटी के सम्पर्क में आ गया था. जेल से बाहर आने के बाद इसने वर्ष 2017 में दो मामले, वर्ष 2018 में पुलिस ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई की थी. इसके बाद वर्ष 2019 में शनि सिंह के खिलाफ छह मामले थाने में दर्ज हुए थे. इसके खिलाफ नारकोटिक्स में कार्रवाई की गई थी.