लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी सैयद जफर इस्लाम शुक्रवार को राज्यसभा के निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये. चुनाव अधिकारी ब्रज भूषण दुबे ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया कि ”उन्हें निर्वाचित घोषित कर दिया गया है.”
शुक्रवार को तीन बजे तक नामांकन वापसी लेने की अंतिम तिथि थी. लेकिन, जफर के अलावा कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं था. चुनाव 11 सितंबर को होना था. राज्यसभा की यह सीट समाजवादी पार्टी के सांसद अमर सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी.
अमर सिंह का एक अगस्त को सिंगापुर में निधन हो गया था. जफर का कार्यकाल चार जुलाई 2022 तक रहेगा. मंगलवार को भाजपा के गोविंद नारायण शुक्ला ने राज्यसभा की सीट के लिए अपना पर्चा दाखिल किया था.
इसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी महेश चंद्र शर्मा ने भी अपना पर्चा दाखिल किया था. निर्दलीय शर्मा का पर्चा बुधवार को खारिज हो गया था, क्योंकि, उन्हें नियमानुसार दस विधायकों का समर्थन हासिल नहीं था.
भाजपा के गोविंद नारायण शुक्ला ने पर्चा इसलिए भरा था कि अगर किसी तकनीकी कमी के कारण जफर का नामांकन खारिज हो जाये, तो वह पार्टी की तरफ से उम्मीदवार रहें. उन्होंने भी गुरुवार को अपना नामांकन वापस ले लिया था.
पांच दिन पहले जब नामांकन पत्र भरा गया, तो जफर इस्लाम खुद नहीं पहुंचे थे. उनकी जगह प्रतिनिधि के तौर पर यूपी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना ने उनका नामांकन पत्र दाखिल किया था. बताया गया कि जफर इस्लाम कोरोना से पीड़ित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. इसकी वजह से वह नामांकन में शामिल नहीं हो सके थे.
राजनीति के जानकार बताते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में शामिल कराने में जफर की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. इसके बाद ज्योतिरादित्य को बीजेपी में लाने की कवायद और मध्यप्रदेश में ‘ऑपरेशन लोटस’ की पटकथा लिखी गयी. इस पूरे ऑपरेशन में बीजेपी की तरफ से सिर्फ लॉजिस्टिक और अन्य सहायता दी गयी.
यूपी भाजपा की ओर से एकमात्र मुस्लिम चेहरे के रूप में राज्यसभा नामांकन करनेवाले जफर इस्लाम 71 करोड़ 13 लाख 53 हजार 953 रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. 52 वर्षीय जफर इस्लाम के नाम पर एक भी मुकदमा नहीं है. तीन लग्जरी कारों के साथ पत्नी के पास एक किलो सोना भी एफिडेविट में बताया गया है.