अयोध्या: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा गुरुवार को तीसरा दिन है. पूजा की शुरुआत मध्याह्न 1.20 बजे संकल्प से होगी. उसके बाद गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध होगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार इसके बाद आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी- कूर्म- अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य – प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मंडप सूत्रवेष्टन, दुग्ध- धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मंडपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा) होगा. रामलाल की मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास और फिर सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी.
बताया जा रहा है कि पहले रामलला विग्रह को जन्मभूमि परिसर भ्रमण कराना था. लेकिन मूर्ति का वजन अधिक होने और सुरक्षा व्यवस्था की वजह से परिसर भ्रमण श्री राम की चांदी की मूर्ति से प्रतीक रूप में पूरी की गई. देर शाम गर्भ गृह में श्री रामयंत्र की स्थापना की गई. मुख्य यजमान अनिल मिश्र की मौजूदगी में विग्रह को मंदिर के गर्भ गृह तक पहुंचाया गया. इस मौके पर गर्भ गृह में ट्रस्ट के सदस्य व आचार्य मौजूद थे. विग्रह को गर्भ गृह में पहुंचाने के लिए इंजीनियरों की मदद ली गई.
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— अमित यादव/हम भारत के लोग (@amityadav26) January 18, 2024
श्री राम विग्रह गर्भ गृह में पहुंचने से पहले आचार्यों ने उस स्थान की पूजा की जहां स्थापना होनी है. इस दौरान यजमान अनिल मिश्रा भी मौजूद थे. पूजा अर्चना के बीच मंदिर परिसर में जय श्रीराम के नारे लगते रहे. साथ ही मंदिरों में भजन कीर्तन भी चलता रहा.
नवनिर्मित मंदिर परिसर में रामलला विग्रह को पहुंचा दिया गया. मूर्ति निर्माण स्थल विवेक सृष्टि से एक डीसीएम के जरिए राम जन्मभूमि परिसर के अंदर दाखिल हुई. यह विग्रह 51 इंच की श्यामल रंग की है. श्री राम मंदिर में गर्भ गृह में विग्रह को पहुंचाने के लिए इंजीनियरों की मदद ली गई. वजन अधिक होने के कारण विग्रह को क्रेन के माध्यम से गर्भ गृह में पहुंचाया गया. 18 जनवरी को शुभ मुहूर्त में विग्रह की स्थापना की जाएगी. श्रद्धालुओं की 500 साल से अधूरी इच्छा भी इसी के साथ पूरी होने में कुछ दिन ही रह गए हैं.