Ram Navami 2023: अयोध्या में जन्मे राम रघुराई, बजे बधाई गीत, देशभर से आए श्रद्धालु कर रहे दर्शन

Ram Navami 2023: गुरुवार को नवरात्रि का पावन पर्व है. आज ही के दिन श्री राम का जन्म दिन अयोध्या में दोपहर में हुआ था. इसलिए रामनवमी की पूजा दिन में होती है. लोग दूर-दूर से राम जन्मोत्सव मनाने आ रहे हैं. जिसका वीडियो और फोटोज भी सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है.

By Shweta Pandey | March 30, 2023 12:00 PM

Ram Navami 2023: आज नवरात्रि का पावन पर्व है. इस बार नवरात्रि के अवसर पर श्री राम का जन्म आज ही के दिन अयोध्या में दोपहर में हुआ था. इसलिए रामनवमी की पूजा दिन में ही होती है. रामनगरी में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी हैं. लोग दूर-दूर से राम जन्मोत्सव मनाने आ रहे हैं. जिसका वीडियो और फोटोज भी सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है.

रामनवमी पर 700 साल बाद बने शुभ संयोग

बता दें आज रामनवमी पर 700 साल बाद शुभ संयोग बने हैं. आज के दिन ग्रहों, तिथि, वार ऐर नक्षत्र से सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य, महालक्ष्मी, सिद्धि, केदार, सत्कीर्ति, हंस, गजकेसरी और रवियोग बन रहे हैं. यह पहली बार है जब रामनवमी पर 9 शुभ योग बन रहे हैं.


रामनवमी पर भक्तों ने की राम लला का दर्शन

आज चैत्र नवरात्रि का आखरी दिन है और इस दिन अयोध्या में नवमी के विशेष अवसर पर श्री राम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. श्री राम अस्थाई जन्मोत्सव मन रहा है. इसके लिए 11 क्विंटल प्रसाद बनाए गए हैं. जो भक्तों के बीच बांटा जाएगा. यहीं नहीं लाखों से भक्तों ने राम लला का दर्शन किया.

रामलला का एक क्विंटल पंचामृत से होगा अभिषेक

रामनवमी पर आज रामलला के मंदिर को खासतौर पर सजाया गया है. रामलला के लिए एक क्विंटल पंचामृत बनाया जाएगा. इस पंचामृत में भगवान रामलला को स्नान कराया जाएगा और फिर वह पंचामृत श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा. इसके साथ ही इस बार चार प्रकार की पंजीरी बनाई जाएगी. यह पंजीरी रामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं में वितरित होगी. रामलला को छप्‍पन भोग अर्पित किया जाएगा.

15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया

रामनवमी के खास अवसर पर 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने राम लला का दर्शन किया. कपाट खुलते ही भक्तों ने जय श्री राम का नारे लगाए. अयोध्या में 2024 से पहले अस्थाई मंदिर में राम जन्मोत्सव 2023 मनाई गई. शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. पुलिस से लेकर पीसीए ने अलग-अलग जगहों पर गश्त किया.

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