Ram Navami 2023: चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन श्रीराम जन्म उत्सव को लेकर जश्न का माहौल है. अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के बीच इस बार रामनवमी को लेकर श्रद्धालुओं में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है. गुरुवार दोपहर 12 बजे से अस्थायी मंदिर में राम जन्मोत्सव शुरू हो जाएगा. इसके लिए रामलला के अस्थाई मंदिर की भव्य सजावट की गई है. वहीं जन्मभूमि पर राम मंदिर गर्भगृह के स्थान को भी सजाया गया है. रामनवमी पर लाखों श्रद्धालुओं के भगवान राम लला के दर्शन पूजन करने की उम्मीद है.
रामनवमी के मद्देनजर रामलला के दर्शन अवधि में एक घंटे का इजाफा किया गया है. सुबह व शाम की पाली में 30-30 मिनट का समय दर्शन के लिए बढ़ाया गया गया है. रामलला श्रद्धालुओं को सुबह 6:30 से सुबह 11:30 बजे तक और दूसरी पाली में दोपहर बाद 2 बजे से शाम 7:30 बजे तक दर्शन दे रहे हैं. वहीं राम जन्मोत्सव को लेकर शाम 7 बजे से रात 8 बजे तक भजन व नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जन्मोत्सव पर गुरुवार को दोपहर 11 से 12 परिसर में मंगल गान का भी आयोजन किया जाएगा.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक इस बार अस्थाई मंदिर में अंतिम बार श्री राम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है.अगले वर्ष रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे, इसलिए वहीं जन्मोत्सव होगा. इस बार अस्थाई मंदिर में अंतिम बार राम जन्मोत्सव होने के कारण इसे भव्य तरीके से मनाया जा रहा है. रामलला को प्रतिदिन नए वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं और नौ दिन की नवरात्रि के आधार पर कलश की स्थापना की गई है. रामनवमी पर रामलला के दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर विशेष इंतजाम किए गए हैं.
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रामलला के मंदिर को खासतौर पर सजाया गया है. रामलला के लिए एक क्विंटल पंचामृत बनाया जाएगा. इस पंचामृत में भगवान रामलला को स्नान कराया जाएगा और फिर वह पंचामृत श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा. इसके साथ ही इस बार चार प्रकार की पंजीरी बनाई जाएगी. यह पंजीरी रामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं में वितरित होगी. रामलला को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा.
इस साल राम नवमी पर अत्यंत दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है, जो कई राशियों के लिए शुभ फल देने वाला है. इस साल राम नवमी पर सूर्य, बुध, गुरु मीन राशि में हैं. इसके अलावा शनि कुंभ में और शुक्र और राहु मेष राशि में विराजमान हैं. इस दौरान मालव्य, केदार, हंस और महाभाग्य जैसे योग बन रहे हैं. इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, गुरु पुष्य योग और रवि योग का संयोग है.
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 29 मार्च को रात 9:27 मिनट से 30 मार्च को रात 11:30 मिनट तक है. उदया तिथि के अनुसार पर्व मनाने की परंपरा के मुताबिक रामनवमी का त्योहार 30 मार्च को है. रामनवमी पर भगवान राम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 11:11 से दोपहर 1:40 तक है. रामनवमी पर रामचरितमानस, रामायण, रामरक्षास्तोत्र, बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होंगे.