Ram Navami 2024: रामनवमी पर भव्य होगा रामलला का जन्मोत्सव, सूर्य तिलक की तैयारी में जुटे वैज्ञानिक

अयोध्या राम मंदिर में रामनवमी (Ram Navami 2024) आयोजन के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं. 15 से 17 अप्रैल तक 20 घंटे दर्शन की व्यवस्था की गई है. एक साथ 6 से 7 लेन में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे.

By Amit Yadav | April 7, 2024 6:29 PM

लखनऊ: इस बार अयोध्या की रामनवमी (Ram Navami 2024) अलौकिक होगी. राम मंदिर बनने के बाद पड़ने वाली इस रामनवमी में रामलला का जन्मोत्सव भव्य तरीके से मनाने की तैयारी की जा रही है. रामनवमी का खास आकर्षण रामलला का सूर्य तिलक होगा. जिसकी तैयारी में वैज्ञानिक जुटे हैं. यदि सब कुछ ठीक रहा तो रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे रामलाल का सूर्य तिलक होगा. इसके लिए रुड़की के वैज्ञानिक तैयारी कर रहे हैं. पहले इसका ट्रायल होगा. सफलता मिलने के बाद रामनवमी पर सूर्य तिलक होगा.

तीन से चार मिनट होगा तिलक
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के समय तय हुआ था कि रामनवमी (Ram Navami 2024) पर रामलला (Ramlala Ki Murti) की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य की किरणों से तिलक किया जाएगा. अब रामनवमी से पहले इसकी तैयारियां शुरू हो गई है. विशेष उपकरणों की मदद से ये सूर्य तिलक किया जाएगा. लगभग 75 मिमी का ये तिलक होगा और तीन से चार मिनट तक देखा जा सकेगा. हालांकि आम दर्शनार्थियों को सूर्य तिलक सीधे नहीं देखने को मिलेगा. इसका लाइव प्रसारण करने की तैयारी की जा रही है.

सूर्य तिलक के लिए विशेष तैयारी
रामनवमी पर सूर्य तिलक के लिए विशेष तैयारी की जा रही है. मंदिर के अलग-अलग फ्लोर पर विशेष लेंस, दर्पण लगाए जा रहे हैं. जिससे सूर्य की किरणों को रामलला की मूर्ति तक पहुंचा जा सके. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों को इस कार्य के लिए लगाया गया है. हर साल रामनवमी पर ये व्यवस्था की जाएगी.

20 घंटे तक होंगे दर्शन
अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में रामनवमी के मौके पर 20 घंटे तक दर्शन की सुविधा मिलेगी. ये व्यवस्था 15 से 17 अप्रैल तक रहेगी. अयोध्या में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर रामनवमी का लाइव प्रसारण किया जाएगा. रामलला के सुबह, दोपहर और रात में राग भोग व श्रृंगार में लगभग चार घंटे लगते हैं. इसके अलावा 20 घंटे दर्शन की व्यवस्था रहेगी. उन्होंने श्रद्धालुओं से मोबाइल फोन, जूता-चप्पल, सामान रखकर मंदिर आने की सलाह दी है. इससे दर्शन में आसानी होगी और समय भी कम लगेगा. श्रद्धालुओं के राम जन्मभूमि पथ से लेकर मंदिर परिसर तक 50 स्थानों पर पीने की पानी की व्यवस्था की जाएगी. जूट का कारपेट बिछेगा. छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं. प्रसाद के साथ साथ ओआरएस घोल भी श्रद्धालुओं को दिया जाएगा. जिससे गर्मी में उन्हें एनर्जी मिलती रहे. रामनवमी के मौके पर 15 से 18 अप्रैल तक पास की व्यवस्था निरस्त रहेगी. जिनके पास पहले से बुक हैं, वो भी निरस्त कर दिए गए हैं.

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