UP: रामचरितमानस विवाद पर SP ने रोली तिवारी मिश्रा-ऋचा सिंह को पार्टी से निकाला, स्वामी प्रसाद का किया था विरोध
UP Politics: समाजवादी पार्टी ने अपने दो नेताओं को निकाल दिया है. सपा ने रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को पार्टी से निकाल दिया है. इस बात की जानकारी खुद समाजवादी पार्टी ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से दी है.
UP Politics: समाजवादी पार्टी ने अपने दो नेताओं को निकाल दिया है. सपा ने रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को पार्टी से निकाल दिया है. इस बात की जानकारी खुद समाजवादी पार्टी ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से दी है. दरअसल सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से श्रीरामचरितमानस पर उठाए गए सवाल के खिलाफ इन दोनों नेताओं ने विरोध किया था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करते हुए इसे प्रतिबंधित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि जो भी विवादित अंश रामचरितमानस ग्रंथ में संकलित हैं, उन्हें निकाला जाना चाहिए. तुलसीदास द्वारा लिखी श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई- ‘ढोल-गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’, पुस्तक को जब्त किया जाना चाहिए. महिलाएं सभी वर्ग की हैं, क्या उनकी भावनाएं इससे आहत नहीं हो रहीं हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा था एक तरफ तो कहेंगे कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता, तो दूसरी तरफ तुलसी बाबा से गाली दिलवाकर कहेंगे कि इनको मारिए पीटिए. ऐसे में श्रीरामचरितमानस को बैन कर देना चाहिए.
श्रीमती रोली तिवारी मिश्रा और सुश्री ऋचा सिंह को समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 16, 2023
ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद का किया था विरोध
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान का विरोध करते हुए ऋचा सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, रामचरितमानस में नारी सम्मान का शिखर है. बालि ने राम से पूछा,‘मैं बैरी सुग्रीव पियारा. अवगुण कवन नाथ मोहि मारा. श्रीराम-‘अनुज वधू भगिनी सुत नारी, सुन सठ ये कन्या समचारी,इनहि कुदृष्टि विलोकई जोई. ताहि बधे कुछ पाप न होई’ स्त्रियों से छेड़खानी से बढ़कर कोई पाप नहीं. श्रीराम भारत के मन का धीरज हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम भी हैं. रामचरितमानस में प्राचीन समाजवादी दर्शन है. समाज विज्ञान है. भक्ति का अथाह सागर है. ऐसी लोकप्रिय पुस्तक दुनिया के किसी भी देश में नहीं मिलती. भारत के गांव-शहर, प्रत्येक घर रामचरितमानस पढ़ी और गायी जाती है.
मात्र अपना,अपने परिवार के कल्याण तक सीमित स्वघोषित सामाजिक न्याय के अवसरवादी अगर महिलाओं के लिए मुख्यधारा की राजनीति में,समाज में बराबर की सहभगिता के लिये, परिवर्तन के लिये कभी प्रयास किया होता,वंचित समाज के रोज़गार,छात्रवृत्ति मुद्दे पर जनांदोलन करते तो बेहतर था @SwamiPMaurya https://t.co/zvkyriboDz
— Dr.Richa Singh (@RichaSingh_Alld) February 16, 2023
रोली तिवारी मिश्रा ने किया था स्वामी प्रसाद का विरोध
स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से श्रीरामचरितमानस पर उठाए गए सवाल के खिलाफ रोली तिवारी मिश्रा ने विरोध किया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, ब्राह्मण खतरे में हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य अब रामचरितमानस पर आ गए हैं. जब तक वह मेरे धर्मग्रंथ पर टिप्पणी करेंगे, मैं उनको छोड़ूंगा नहीं. सनातन धर्म के लिए यह संक्रमण काल है और जिस धर्म का अस्तित्व 6000 साल से कोई मिटा नहीं पाया, उसको चंद वोटों के लिए दलाल क्या मिटा पाएंगे?.
इतना बड़ा झूठ @SwamiPMauryaजी
— Dr Roli Tiwari Mishra पण्डित डॉ रोली तिवारी मिश्रा (@RoliTiwariMish1) February 11, 2023
हद है ईश्वर से डरिये
अरे सॉरी ईश्वर तो आप मानते नहीं हैं नास्तिक हैं प्रकृति से ही डर जाइये
इनकी बात सुनिए 👇और इन दिनों हुई ट्वीट देखिये इन्होंने न सिर्फ़ सनातन धर्म, श्रीरामचरितमानस के बारे में बुरा बोला बल्कि सन्त,महंत,धर्माचायों को भी नहीं छोड़ा https://t.co/MbsaN2CwDg pic.twitter.com/NUrlxr65N5
मैं पुरज़ोर विरोध में नहीं उतरी होती
— Dr Roli Tiwari Mishra पण्डित डॉ रोली तिवारी मिश्रा (@RoliTiwariMish1) February 12, 2023
मैं भी औरों की तरह लालच में चुप होती
तो हर जिले में श्रीरामचरितमानस को जलाकर जातीय उन्माद फ़ैलाकर दंगे भड़का दिए गए होते
मैंने श्रीरामचरितमानस को ही नहीं अपने प्रदेश की सुख शांति को भी बचाया है 🙏