UP Election: रथ यात्राओं ने बढ़ाया राजनीतिक तापमान, सड़क पर उतरे बड़े नेता, भांप रहे जनता का मिजाज

जनता से सीधा संवाद का माध्यम बनी रथ यात्राएं पहले भी दिला चुकी हैं सत्ता सुख, 1988 में चौधरी देवीलाल ने शुरू किया था रथ यात्राओं का दौर

By Amit Yadav | December 20, 2021 9:00 PM

UP chunav 2022: जनता का मिजाज भांपने के लिए राजनीतिक दलों के लिए रथ यात्रा सबसे सटीक माध्यम बन गया है. 1988 में चौधरी देवीलाल की मेटाडोर से निकाली गई क्रांति रथ यात्रा हो या 1990 में राम मंदिर आंदोलन के लिए सोमनाथ से अयोध्या तक की भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा हो. दोनों का ही मकसद इन रथ यात्राओं ने पूरा किया था.

देश में बड़े-बड़े नेताओं की रथ यात्राएं कई राजनीतिक बदलाव और सत्ता परिवर्तन की गवाह बनी हैं. इस बार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधान सभा चुनाव से पहले एक बार फिर रथ यात्राओं का दौर चल रहा है. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी तीनों के ही नेता अपने-अपने रथ लेकर सड़क पर उतर चुके हैं. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव तो लगातार तीसरी बार रथ यात्रा पर हैं.

Also Read: UP Election 2022: भाजपा की ‘जनविश्वास यात्रा’ यूपी के 6 जिलों से शुरू, जन-जन से संवाद करने का है लक्ष्य

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विजय रथ लेकर मैदान में हैं. 12 अक्तूबर 2021 को वह अपने हाईटेक रथ से चुनावी मैदान में उतरे थे. अब इस रथ यात्रा का आठवां चरण मंगलवार को शुरू होगा. अखिलेश यादव 21 दिसंबर को समाजवादी पार्टी के गढ़ मैनपुरी में होंगे. यहां उनके साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ जाने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है.

इससे पहले 2012 विधान चुनाव में अखिलेश यादव क्रांति रथ लेकर निकले थे. इस रथ यात्रा में युवा अखिलेश यादव को आपार जनसमर्थन मिला था. युवा नेता के रूप में जनता के बीच जाने का नतीजा उन्हें पूर्ण बहुमत से सत्ता के रिटर्न गिफ्ट के रूप में मिला था. हालांकि अखिलेश यादव को 2016 में समाजवादी विकास रथ यात्रा का बेहतर नतीजा नहीं मिला था. जब वह 2016 में हाईटेक रथ से निकले थे, तब उनका रथ लोहिया पथ पर तकनीकी दिक्कतों से ठप हो गया था. इसके बाद वह 2017 का चुनाव भी हार गए थे.

Also Read: चाचा-भतीजे में गठबंधन के बाद अब मंच साझा करने की तैयारी, इस दिन एक साथ नजर आएंगे अखिलेश-शिवपाल?

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 से पहले लोकार्पण, शिलान्यास के बीच जन विश्वास यात्रा भी 19 दिसंबर से शुरू कर दी है. एक साथ छह जिलों से शुरू हुई जन विश्वास यात्रा में केंद्र व प्रदेश के बड़े मंत्रियों और नेताओं की फौज को उतारा गया है. यह रथ यात्रा सभी 403 विधान सभा क्षेत्रों में जाएगी और जनता को मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देगी. इस रथ यात्रा में हर दिन कोई न कोई बड़ा भाजपा नेता शामिल हो रहा है.

Also Read: Agra News: 21 दिसंबर को आगरा पहुंचेगी बीजेपी की जन विश्वास यात्रा, 100 जगह होगा स्वागत

उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस की रथ यात्राएं

उत्तर प्रदेश की तरह ही उत्तराखंड में भी विधान सभा चुनाव होना है. वहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही रथ यात्राएं लेकर जनता के बीच हैं. भाजपाई अपनी सत्ता बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं तो कांग्रेसी नेता सत्ता पाने के लिए के रथ पर सवार हो गए हैं. कांग्रेस परिवर्तन यात्रा के जरिए उत्तराखंड के लोगों के बीच खोया विश्वास पाने की कवायद कर रही है. भाजपा विजय संकल्प यात्रा के जरिए दोबारा सत्ता में आने की दावेदारी कर रही है.

Next Article

Exit mobile version