रामचरित मानस का पाठ कोरोना काल में आस्था जगाने और सकारात्मकता को बढ़ावा देने वाला है : राजनाथ सिंह

लखनऊ : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के इस दौर में रामचरित मानस का पाठ औषधि की तरह काम करेगा. राजनाथ सिंह ने कल रामनवमी के अवसर पर लखनऊ में आयोजिक एक समारोह में यह बात कही. राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में श्री रामचरित मानस के अर्थ सहित गायन को लॉन्च किया गया. इस समारोह में वर्चुअल रूप से रक्षामंत्री भी जुड़े थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2021 8:35 PM
an image

लखनऊ : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के इस दौर में रामचरित मानस का पाठ औषधि की तरह काम करेगा. राजनाथ सिंह ने कल रामनवमी के अवसर पर लखनऊ में आयोजिक एक समारोह में यह बात कही. राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में श्री रामचरित मानस के अर्थ सहित गायन को लॉन्च किया गया. इस समारोह में वर्चुअल रूप से रक्षामंत्री भी जुड़े थे.

उन्होंने कहा कि रामचरित मानस का पाठ कोरोना काल में आस्था जगाने वाला और सकारात्मकता को बढ़ावा देने वाला है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में धर्म और आध्यात्म से लोगों का जुड़ाव औषधि के रूप में काम करेगा. संक्रमितों को सही करने में भी सस्वर रामायण का पाठ वरदान साबित हो सकता है.

राजनाथ ने डॉ समीर त्रिपाठी को रामचरित मानस के अर्थ सहित गायन के यू-ट्यूब चैनल मेधज एस्ट्रो पर आने पर उनको बधाई दी. सुप्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने भी श्री रामचरित मानस के अर्थ सहित गायन को समाज के लिए वर्तमान परिस्थितियों में काफी उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि लोगों का ध्यान नकारात्कम सूचनाओं और खबरों से हटाने के लिए यह प्रयोग काफी उपयोगी साबित हो सकता है.

Also Read: Train Accident : ट्रेन से उड़ गये ट्रक के परखच्चे, चपेट में आया बाइक सवार, पांच की मौत

द्वारका शारदा पीठाधीश्वर एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कोरोना काल का संदेश सांस्कृतिक जड़ों, धर्म और आत्यात्म से जुड़े रहना सबसे महत्वपूर्ण है. लोगों को शास्त्रों, वेदों का पाठ पढ़ने का यह उपयुक्त समय है. इसका भरपूर उपयोग कर लोग स्वयं को महामारी के संकट से तो बचा ही सकते हैं साथ में अपनी सांस्कृतिक विरासत को जानने का भी उनके लिए यह सुनहरा समय है.

Exit mobile version