सपा से निकाली गयी रिचा सिंह पहुंची चुनाव आयोग, कहा पार्टी ने संविधान की अवमानना की, कार्रवाई की मांग
स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ ट्विटर पर अभियान चलाने वाली महिला नेता डॉ. रिचा सिंह अब सीधे-सीधे समाजवादी पार्टी पर हमलावर हो गयी हैं. डॉ. रिचा और रोली तिवारी मिश्रा को पार्टी से बीती 16 फरवरी को निष्कासित किया गया था. दोनों ही ट्विटर पर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अभियान चला रही थीं.
Lucknow: समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद पूर्व प्रवक्ता रिचा सिंह ने अब सीधा मोर्चा खोल दिया है. अभी तक स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ वह ट्विटर पर बयान दे रहीं थी. इस बार उन्होंने सपा के खिलाफ चुनावआयोग पहुंच गयी हैं. उन्होंने चुनाव आयोग से कहा है कि वह ‘इस बात का संज्ञान लें कि समाजवादी पार्टी ने अपनी कार्य शैली में चुनाव आयोग के मानकों, लोकतांत्रिक मूल्यों का मखौल उड़ाते हुए, संविधान की अवमानना की है. यह देश के जनतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन और उनका मजाक उड़ाना है.’
कार्रवाई को बताया तानाशाही रवैया
डॉ. रिचा सिंह ने चुनाव से समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश से तानाशाही और अलोकतांत्रिक निष्कासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने आयोग को भेजे पत्र में लिखा है कि मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ की पहली निर्वाचित महिला अध्यक्ष हूं. मैं समाजवादी पार्टी की सदस्य रही हूंण. 2017 और 2022 में समाजवादी पार्टी के सिंबल पर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा था.
चुनावआयोग @ECISVEEP
इस बात का संज्ञान ले कि समाजवादी पार्टी ने अपनी कार्य शैली में चुनाव आयोग के मानकों,लोकतांत्रिक मूल्यों का मखौल उड़ाते हुए, संविधान की अवमानना की है। यह देश के जनतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन और उनका मजाक उड़ाना है।@RubikaLiyaquat@pankajjha_ @scribe9104 pic.twitter.com/MxISxQEtmm— Dr.Richa Singh (यतो धर्मस्ततो जयः) (@RichaSingh_Alld) February 21, 2023
एकतरफा निष्कासन को बताया अलोकतांत्रित
16 फरवरी 2023 को समाजवादी पार्टी ने बिना किसी स्पष्टीकरण, पूर्व चेतावनी और कारण बताओ नोटिस के अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एकतरफा रूप से मेरे निष्कासन की घोषणा की. समाजवादी पार्टी का ऐसा कार्य अलोकतांत्रिक है और प्राकृतिक न्याय और आंतरिक पार्टी लोकतंत्र के मानदंडों और सिद्धांतों के खिलाफ है.
ये प्रश्न उठाये
रिचा सिंह ने सपा की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि-
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प्राकृतिक न्याय की मांग कोई भी लेने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए.
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प्रत्येक व्यक्ति को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का उचित अवसर मिलना चाहिए.
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समाजवादी पार्टी ने मुझे कभी कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया
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समाजवादी पार्टी ने कभी भी निष्कासन के लिए कोई स्पष्टीकरण या कारण नहीं बताया. अंतरदलीय लोकतंत्र और प्राकृतिक न्याय की मांग है कि स्पष्टीकरण और कारण कार्रवाई करते हुए पेश किया जाना चाहिए.
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मुझ पर कार्रवाई करने से पहले समाजवादी पार्टी ने कभी कोई चेतावनी जारी नहीं की.
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इस तरह की कार्रवाई समाजवादी पार्टी के संविधान की धारा 30 का उल्लंघन करती है.
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ट्वीट का स्क्रीन शॉट, सपा के संविधान की प्रति भेजी
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की यह कार्रवाई अपमानजनक, अलोकतांत्रिक और नैसर्गिक न्याय और आंतरिक पार्टी लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है. यह भारतीय संविधान के मानदंडों, सिद्धांतों और मूल भावना के खिलाफ भी है. उन्होंने चुनाव आयोग से कहा है कि प्रजातांत्रिक प्रक्रिया में कथित तोड़फोड़ का संज्ञान लें. समाजवादी पार्टी के खिलाफ नियमों, विनियमों और परिपाटियों के अनुसार आवश्यक कदम उठाएं. उन्होंने समाजवादी पार्टी की कार्रवाई के आधिकारिक ट्विटर का स्क्रीनशॉट, संबंधित मीडिया रिपोर्टिंग और समाजवादी पार्टी के संविधान की प्रति संलग्न भी आयोग को भेजी है.