Lucknow News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल के कद्दावर नेता अहमद हमीद सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने उन्हें सदस्यता ग्रहण कराई. इस मौके पर पूर्व राज्य मंत्री ओमवीर तोमर ने भी कांग्रेस का दामन थामा. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि अहमद हमीद, ओमवीर तोमर सहित अन्य नेताओं के साथ आने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि नए साथी मजबूती से हाथ का साथ देते हुए इस आततायी शासन के विरुद्ध संघर्ष करेंगे. अहमद हमीद का साथ आना कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में संगठन काफी कमजोर है, ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर उसे बड़े नेताओं की दरकार है, जिनके आने से संगठन को मजबूती मिल सके और कार्यकर्ताओं के उत्साह में भी इजाफा हो. वहीं पश्चिमी यूपी में कांग्रेस के पास पहले से ही बड़े अल्पसंख्यक नेताओं की कमी है. ऐसे में इमरान मसूद के बाद अहमद हमीद का साथ आना, उसके लिए अहम माना जा रहा है.
दरअसल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस अल्पसंख्यक नेताओं पर फोकस कर रही है. भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे के बीच एक तरफ प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सहित अन्य नेता कांग्रेस को भी इस राह पर आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उसकी नजर अल्पसंख्यक वोटों पर भी हैं. कांग्रेस की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव में उसे अल्पसंख्यक वोट एकतरफा मिलें, जिससे उसकी सियासी राह आसान हो सके. इसलिए वह ऐसे अल्पसंख्यक नेताओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है, जो दूसरे दल में हैं और वहां किसी वजह से असंतुष्ट हैं.
इसी योजना के तहत इमरान मसूद के बाद अब सोमवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री नवाब कोकब हमीद के बेटे और राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता अहमद हमीद अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए. इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा-रालोद गठबंधन के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
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बागपत विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक और तीन बार मंत्री रहे कोकब हमीद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में करीब 35 साल सक्रिय रहे. नवाब के निधन के बाद उनकी सियासी विरासत उनके बेटे अहमद हमीद संभाल रहे हैं. अहमद हमीद 2017 में बसपा और 2022 में रालोद-सपा गठबंधन प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे, हालांकि उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद अहमद हमीद असहज महसूस कर रहे थे. उन्होंने अपने सियासी भविष्य के लिए कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया. दूसरी तरफ कांग्रेस को भी एक बड़े चेहरे की तलाश थी, इसलिए ये फैसला दोनों के सियासी फायदे वाला बताया जा रहा है. अहमद हमीद का कहना है कि बदली सियासी परिस्थितियों में भाजपा से मुकाबला लेने में कांग्रेस ही सक्षम है. ऐसे में वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं, जिससे भाजपा से मुकाबला किया जा सके.