UP News: सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिये 275 करोड़ रुपए खर्च, पीडब्लूडी का दावा 100 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ

सीएम योगी की फटकार के बाद लोकनिर्माण विभाग ने दावा किया है गड्ढा मुक्ति व रिपेयर वर्क के लिए अब तक 275 करोड़ रुपए की धनराशि जिलों को आवंटित की जा चुकी है. सभी जिलों में सड़क सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया जारी है.

By Amit Yadav | September 22, 2023 4:23 PM
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लखनऊ: सीएम योगी की फटकार बाद पीडब्लूडी विभाग ने 2022-23 में 100 फीसदी सौंदर्यीकरण, गड्ढामुक्ति होने का दावा किया है. मार्गों के रीस्टोरेशन प्रक्रिया 93 फीसदी पूरा होने की बात कही जा रही है. लोकनिर्माण विभाग इस वर्ष अब तक 275 रुपए प्रदेश के सभी जिलों को निर्धारित मार्ग सुदृढ़ीकरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवंटित कर चुका है. इन पर भी तेजी से कार्य जारी है और सरकार लगातार इस संबंध में मॉनिटरिंग भी कर रही है.

10 विभागों के संयोजन से लक्ष्यों को किया जा रहा पूरा

लोकनिर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में कुल 10 विभागों के अंतर्गत 100867 मार्गों के गड्ढा मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त किया. वर्ष 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार इस दिशा में 100 प्रतिशत सफलता प्राप्त की गई है. वहीं 98355 सड़कों के रीस्टोरेशन कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है. कुल 93 प्रतिशत कार्यों को वर्ष 2022-23 के बीच पूर्ण कर लिया गया है. बाकी के 7 प्रतिशत कार्यों को भी पूर्ण करने के लिए लोकनिर्माण विभाग लगा हुआ है.

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पीडब्लूडी, एनएचएआई सहित कई विभाग शामिल

लोकनिर्माण विभाग के अतिरिक्त नेशनल हाइवे (पीडब्ल्यूडी), नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई-वेस्ट यूपी), एनएचएआई (ईस्ट यूपी), मंडी परिषद विभाग, पंचायती राज विभाग, सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग (यूपीआरआरडीए), नगर विकास विभाग, गन्ना विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग इस कार्य में लगा हुआ है.

रीस्टोरेशन व पैचवर्क कार्यों की रेगुलर मॉनिटरिंग का फ्रेमवर्क तैयार

प्रदेश में मार्गों के नवीनीकरण की प्रक्रिया के अनुसार समयसीमा निर्धारित की गई है. इसके अनुसार राज्य मार्ग के लिए 4 वर्ष, प्रमुख जिला मार्ग के लिए 4 वर्ष, अन्य जिला मार्ग के लिए 5 वर्ष व ग्रामीण मार्गों के नवीनीकरण के लिए 8 वर्ष की समयसीमा निर्धारित की गई है. इसके अंतर्गत आने वाली सड़कों के रीस्टोरेशन, पैचवर्क और सौंदर्यीकरण योजनाओं से संबंधित समस्याओं के निस्तारण, बजट आवंटन व तकनीकी गुणवत्ता निर्धारण समीक्षा समेत अन्य पहलुओं के निर्धारण समेत टेंडरिंग व रेगुलर मॉनिटरिंग के व्यवस्थित फ्रेमवर्क को तैयार कर लिया गया है.

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