लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय (Mata Prasad Pandey) होंगे. रविवार को विधायकों की बैठक के बाद इस पर मुहर लगी. इसके अलावा महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल, कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक और राकेश कुमार को उप सचेतक बनाया गया है. इसी के साथ किसी दलित को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की कयासबाजी पर भी विराम लग गया है. माता प्रसाद पांडेय विधान सभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
विधायकों की बैठक में हुई चर्चा
समाजवादी पार्टी के विधायकों ने रविवार का हुई बैठक में चर्चा के बाद नेता प्रतिपक्ष के पद का नाम तय करने का फैसला अखिलेश यादव पर छोड़ दिया था. कयासबाजी चल रही थी कि अखिलेश यादव पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक (PDA) के एजेंडे को ही आगे बढ़ाएंगे. इनमें इंद्रजीत सरोज, राम अचल राजभर, शिवपाल सिंह यादव का नाम चल रहा था. लेकिन अखिलेश यादव ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर सारी कयाबाजी ध्वस्त कर दी है. इससे पहले विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद लाल बिहारी यादव को देने के बाद ये माना जा रहा है कि अब विधानसभा में कोई यादव प्रतिपक्ष का नेता नहीं होगा. दलित या मुस्लिम में से एक कोई चेहरा आगे लाया जाएगा.
ब्राह्मण चेहरा देकर चौंकाया
ब्राह्मण चेहरा देकर चौंकाया
समाजवादी पार्टी ने पीडीए रणनीति पर लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ी जीत हासिल की है. इस बार सपा के कुल 37 सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. जो सपा की स्थापना के बाद अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. लोकसभा चुनाव में पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम के साथ ही दलित वोटर ने भी सपा को वोट दिया है. वहीं यादव के साथ मुस्लिम उनका कोर वोटर रहा है. इसलिए कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी 2027 विधानसभा चुनाव में भी पीडीए पर चलने की रणनीति बना रही है और दलित वोटर को अपने साथ बांधे रखने के लिए वो नेता प्रतिपक्ष को लेकर नया दांव चल सकती है. लेकिन ब्राह्मण चेहरे के रूप में सपा के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर सभी को चौंका दिया है.