Sanjeev Jeeva Murder: संजीव जीवा हत्याकांड की विवेचना करेगी पुलिस की दो टीमें, SIT इन बिन्दुओं पर करेगी जांच
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड की विवेचना के लिए पुलिस की दो टीमों का गठन किया गया. जिसमें चार-चार पुलिसकर्मी शामिल किये गये हैं. इसके अलावा अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी चौकस इंतजाम किये गये हैं.
लखनऊ. Shooter Sanjeev Jeeva Murder: लखनऊ कोर्ट परिसर में गैंगस्टर संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उस वक्त गोलियों की तड़तड़ाहट से कोर्ट परिसर गूंज उठा. जिसके बाद घटना की जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गयी है. अब संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड की विवेचना के लिए पुलिस की दो टीम का गठन किया गया. जिसमें चार-चार पुलिसकर्मी शामिल किये गये हैं. इसके अलावा अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी चौकस इंतजाम किये गये हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यायालय परिसर लखनऊ में कुख्यात संजीव माहेश्वरी की हत्या के संबंध में राजधानी के वजीरगंज थाने में दर्ज मामले की विवेचना के लिए दो टीम का गठन किया गया है.
SIT भी करेगी मामले की जांच
इसके अलावा जनपदीय न्यायालय और उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ के पुराने परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुलिस निरीक्षक रामफल प्रजापति की नियुक्ति की गयी है. घटना की जांच के लिए SIT भी गठित की गयी है. एसआईटी यह पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करेगी कि कोर्ट परिसर में मेटल डिटेक्टर काम कर रहे थे या नहीं. अगर मेटल डिटेक्टर काम कर रहे थे तो आरोपी हथियार लेकर कोर्ट में कैसे घुसे और यदि वे नहीं काम कर रहे थे तो इसका क्या कारण था.
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जांच टीम में शामिल हैं ये लोग
जानकारी के अनुसार, विवेचना के लिए गठित टीम में वजीरगंज के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार मिश्र को विवेचक, अतिरिक्त निरीक्षक दुबग्गा राजेन्द्र कुमार शुक्ला को सह विवेचक, अतिरिक्त निरीक्षक बाजारखाला रमेश चंद्र यादव को सह विवेचक और वजीरगंज के उप निरीक्षक हरिद्वारी लाल को सह विवेचक बनाया गया है. इसके अलावा तकनीकी सहायता के लिए गठित दूसरी टीम में सर्विलांस सेल, पश्चिमी जोन के प्रभारी राजदेव प्रजापति के साथ सर्विलांस सेल के मुख्य आरक्षी विनय सिंह, गोविंद और आरक्षी नवीन प्रताप सिंह को शामिल किया गया है.
जीवा को लगी थी छह गोलियां
आज अधिवक्ता संगठनों व अन्य लोगों के साथ हुई बैठक में सुरक्षा को लेकर कई बिंदुओं पर सहमति बनी है. अधिकारियों और अधिवक्ताओं का अलग-अलग फाटक से प्रवेश होगा. सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम होंगे. बता दें कि जीवा को छह गोलियां लगी थीं और उसे कुल 16 चोटें आयीं. अदालत में आने वाले वकीलों को अब अपना पहचान पत्र दिखाना पड़ता है और पुलिस अधिकारियों द्वारा उनकी तलाशी ली जा रही है.हर फाटक पर मेटल डिटेक्टर लगा दिए हैं.