लखनऊ: पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा लखनऊ की जेल में बंद था. जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे. इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसी मामले में जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार संजीव जीवा पर 23 मुकदमे दर्ज हुए हैं. इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका है. उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं. संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं. पुलिस रिकार्ड में संजीव का गैंग आईएस-01 के रूप दर्ज है. उसके गैंग में लगभग 35 सदस्य हैं. इनमें से 10 सक्रिय सदस्य हैं. संजीव पर मुजफ्फर नगर, शामली, गाजीपुर, फर्रुखाबाद, हरिद्वार में मुकदमें दर्ज हैं.
Also Read: LUCKNOW : मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या
संजीव जीवा पर चार बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई हो चुकी है. चार बार जिला बदर की कार्रवाई भी हुई है. गैंगस्टर एक्ट के तहत लगभग 4 करोड़ की संपत्ति भी कुर्क की जा चुकी है. संजीव के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी, जालसाजी के मुकदमें दर्ज हैं. संजीव की पत्नी पायल के खिलाफ भी नई मंडी थाना में मुजफ्फर नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया हुआ है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ कोर्ट शूटआउट मामले की जांच के लिये तीन सदस्यीय SIT गठित की है. इसमें एडीजी तकनीकी मोहित अग्रवाल, आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार जेसीपी क्राइम नीलब्जा चौधरी को शामिल किया गया है. एसआईटी को एक सप्ताह में जांच करके रिपोर्ट सबमिट करने के लिये कहा गया है.
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा शूटआउट के दौरान विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट रूम में मौजूद एक डेढ़ साल की बच्ची को भी गोली लगी है. उसे गंभीर हालत में केजीएमयू के पीडियाट्रिक आईसीयू में भर्ती कराया गया है. जहां अभी उसका स्वास्थ्य स्थिर बताया जा रहा है. लाल मोहम्मद नाम के सिपाही को भी पैर में गोली लगी है. उसका बलरामपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है.