लखनऊ. उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में सिंचाई के लिये पानी कर संकट हैं वहां के किसान अपने खेत में तालाब खुदवा कर बारिश के पानी से अपनी फसल की सिंचाई कर सकते हैं. खेत में कृषि कार्यों के लिए तालाब निर्माण करवाने के लिए जितना भी खर्च आयेगा सरकार उसका 50 फीसद आर्थिक सहायता के रूप में देगी. जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गयी इस योजना के जरिये तालाबों में बारिश के पानी को इकट्ठा किया जा सकेगा. जल संकट से जूझ रहे 44 जिला में खेत तालाब योजना के लिए केंद्र सरकार (आरकेवीवाई) द्वारा एक लाख से अधिक का अनुदान दिया जा रहा है. किसान इसमें मछली पालन भी कर सकेंगे.
बरसात का पानी जमा कर खेती करने के लिये किसान यदि छोटा तालाब खुदवाता है तो उसकी लागत एक लाख पांच हजार रुपये आयेगी. इस तालाब का आकार 22 गुना 20 मीटर होगा. गहराई तीन मीटर होगी. मध्यम आकार के तालाब का क्षेत्रफल 35 गुना 30 मीटर होगा. हालांकि गहराई इसकी भी तीन मीटर ही होगी. इसकी लागत दो लाख 28 हजार 400 रुपये होगी. सरकार किसानों को तालाब खुदवाने के लिये कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान का भुगतान डीबीटी के माध्यम से तीन किस्तों में देगी.
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किस किसान को खेत तालाब योजना का लाभ मिलेगा इस सूची को डीएम मंजूरी देंगे. अनुसूचित जाति- जनजाति, अल्पसंख्यक तथा लघु – सीमान्त किसानों को प्राथमिकता दी जायेगी. एक किसान को एक तालाब के लिए ही अनुदान दिया जायेगा. योजना का लाभ उसी किसान को दिया जायेगा जिसका आनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा. आवेदन कृषि विभाग की अधिकारिक वेबसाइट https://upagripardarshi.gov.in/Index-hi.aspx पर जाकर करना होगा.
खेत तालाब योजना के पहले चरण में बुन्देलखण्ड के सात जिला में 12.20 करोड़ से दो हजार तालाब का निर्माण किया गया है. इन सात जिला के सभी ब्लाक के किसान लाभान्वित हुए हैं. पहले चरण में कुल 2216 किसान लाभान्वित किये जा चुके हैं. दूसरे चरण में बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित प्रदेश के 44 जिलों में 27.88 करोड़ से 3384 तालाब का निर्माण किया जाना है. ये तालाब 44 जिला के 167 अतिदोहित व क्रिटिकल श्रेणी वाले ब्लाक हैं.
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