लखनऊ: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि सभी चिकित्सकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र प्रथम की भावना से कार्य करना चाहिए. वे मरीज का उपचार नहीं सेवा करें. केंद्रीय मंत्री एसजीपीजीआई (SGPGI) लखनऊ के 28वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वस्थ समाज ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है और स्वस्थ राष्ट्र ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है. भारत में मैनपावर और ब्रेन पावर का कोई संकट नहीं है. राष्ट्र निर्माण में प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें अपने इतिहास और गौरव से प्रेरणा लेकर नए भारत के विकास के लिए काम करना है. डॉ.मंडविया ने कहा कि नया भारत बनाना युवाओं की जिम्मेदारी है. यह समय देश के लिए काम करने का है. कोविड के दौरान भारत ने साबित कर दिया है कि हमारा देश कुछ भी कर सकता है.
डॉ. मांडविया ने कहा कि चिकित्सक के लिए एक गरीब का जीवन भी उतना ही महत्त्वपूर्ण होना चाहिए, जितना कि एक धनी व्यक्ति का. हमारे देश में ऐसे चिकित्सक हैं जो लाखों रुपए कमाने का मौका छोड़कर पचास-सौ रुपए की पर्ची कटकर गरीब का इलाज करता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत भारत यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पर खर्चा बढ़ा रहा है.
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राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के लोगो में धन्वंतरि का फोटो लगाने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भगवान धन्वंतरि भारत के लिए चिकित्सा क्षेत्र में एक प्रतीक हैं और सभी को अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए.उन्होंने कहा कि लोगो में बदलाव लाकर गुलामी की मानसिकता को खत्म करना है.