शाहजहांपुर: एनआरआई पति की हत्या मामले में पत्नी को फांसी, प्रेमी को उम्रकैद की सजा, बेटे की गवाही बना अहम सबूत
सुखजीत के नौ वर्षीय बेटे की गवाही अहम रही, जिसने अपनी मां को गुनाह करते देख लिया था. जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया, उससे माना जा रहा था कि अदालत दोनों दोषियों को कड़ी सजा सुना सकती है. सुखजीत सिंह की वर्ष 2016 में इंग्लैंड से शाहजहांपुर आने पर गला काटकर हत्या कर दी गई थी.
Shahjahanpur NRI Sukhjeet Singh Murder Case: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के बहुचर्चित एनआरआई सुखजीत सिंह की हत्या के मामले में शनिवार को कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया. अदालत ने मृतक की पत्नी रमनदीप कौर को फांसी और और उसके करीबी दोस्त गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू सिंह को उम्र कैद की सजा सुनवाई. आरोप है कि रमनदीप के मिट्ठू सिंह से प्रेम संबंध थे. इसी के चलते दोनों ने वारदात को अंजाम दिया था. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने पांच अक्तूबर को दोनों को दोषी करार दिया था. इसके बाद शनिवार को दोनों दोषियों को सजा सुनाई गई. कोर्ट के फैसले की ओर सभी की नजरें टिकी थी. इसमें सुखजीत के नौ वर्षीय बेटे की गवाही अहम रही, जिसने अपनी मां को गुनाह करते देख लिया था. जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया, उससे माना जा रहा था कि अदालत दोनों दोषियों को कड़ी सजा सुना सकती है. अदालत के फैसले की हर तरफ काफी चर्चा है. सुखजीत सिंह की वर्ष 2016 में इंग्लैंड से शाहजहांपुर आने पर गला काटकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद ये मामला काफी सुर्खियों में आ गया था.
प्रेम संबंधों में रोड़ा बन रहा था सुखजीत
शाहजहांपुर के बंडा के बसंतापुर के मूल रूप से रहने वाले सुखजीत इंग्लैंड के डर्बिशायर में रहते थे. उनकी मां वंश कौर गांव बसंतापुर में फार्म हाउस पर रहकर खेती की देखभाल करती थीं. पुलिस के मुताबिक सुखजीत की पंजाब के कपूरथला की तहसील सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर के मूल निवासी और दुबई में रहने वाले गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू सिंह से दोस्ती थी. मिट्ठू सिंह अक्सर इंग्लैड और सुखजीत दुबई जाकर एक-दूसरे के यहां रुकते थे. पुलिस के मुताबिक इसी दौरान मिट्ठू सिंह और सुखजीत की पत्नी रमनदीप कौर एक दूसरे के करीब आ गए और उनमें प्रेम संबंध हो गए. इसके बाद दोनों ने सुखजीत सिंह को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया.
इस बीच 28 जुलाई, 2016 को सुखजीत पत्नी, बच्चों और अपने दोस्त गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू सिंह के साथ भारत आए थे. इसी दौरान रमनदीप कौर और मिट्ठू सिंह ने सुखजीत सिंह की हत्या की साजिश रची. सभी लोग भारत में कई जगह घूमने के बाद वह 15 अगस्त को फार्म हाउस पर बसंतापुर पहुंचे. इसके बाद एक सितंबर की रात सुखजीत की गला काटकर हत्या कर दी गई. रमनदीप कौर ने पुलिस से बचने की काफी कोशिश की, लेकिन तफ्तीश के दौरान पुलिस को उसके खिलाफ कई अहम सबूत मिले.
प्रेमी को दुबई भेजने का रचा नाटक
अपनी योजना को अंजाम देने के लिए रमनदीप कौर ने प्रेमी गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू सिंह को दुबई भेजने के लिए टिकट कराया और ये जताया कि वह दुबई चला गया. लेकिन, उसने प्रेमी मिट्ठू सिंह को शाहजहांपुर के एक होटल में ठहरा दिया. इसके बात बसंतपुर की अपने फार्म हाउस पर रमनदीप कौर ने बिरयानी में नशा मिलाकर पति, सास, अपने दो बच्चों को खिलाया, इससे सभी को नींद आ गई. इसके बाद रात में अपने प्रेमी गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू सिंह को बुलाकर पति सुखजीत की चाकू और हथौड़े से वारकर हत्या कर दी. पुलिस को गुमराह करने के लिए घर में डकैती की भूमिका तैयार की. रमनदीप कौर अपने इरादे में कामयाब हो भी जाती. लेकिन, उसके नौ साल के बेटे ने अपनी मां को हत्या करते हुए देख लिया था. उस दिन मां की दी हुई नशीली बिरयानी उसने नहीं खाई थी, इस वजह से वह जाग रहा था. पुलिस के लिए बेटे की गवाही सबसे अहम सबूत बना. इसी आधार पर पुलिस ने कड़ियां जोड़ते हुए इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा किया.
पति की दाढ़ी पसंद नहीं, प्रॉपर्टी से था प्रेम
बताया जा रहा है कि रमनदीप को अपने पति सर्वजीत की दाढ़ी पसंद नहीं थी. उसने सुखजीत से कई बार दाढ़ी काटने के लिए कहा. लेकिन, अपने धर्म के अनुसार उसने दाढ़ी नहीं काटी. वह पति की दाढ़ी से काफी चिढ़ती थी. वहीं उसके प्रेमी जबकि उसके प्रेमी गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू की दाढ़ी नहीं थी. रमनदीप कौर ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की करोड़ों की प्रॉपर्टी को हड़पने की साजिश रची.
जांच पड़ताल में खुलासा होने के बाद पुलिस ने गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू सिंह और रमनदीप कौर को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया. पुलिस के मुताबिक वारदात के पीछे अवैध प्रेम संबंध अहम कारण थे. इसी वजह से रमनदीप कौर ने प्रेमी मिट्ठू सिंह के साथ मिलकर सुखजीत की हत्या की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा, जहां मामले की सुनवाई जारी थी.
कोर्ट का फैसला आने के बाद सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने बताया कि बंडा पुलिस ने रमनदीप और गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू सिंह के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में भेजा था. मुकदमा चलने के दौरान 16 गवाह अदालत में पेश किए गए. अदालत ने गवाहों के बयान और सरकारी वकील के तर्कों को सुनने के बाद रमनदीप और गुरप्रीत उर्फ मिट्ठू सिंह को दोषी करार दिया. शनिवार को रमनदीप कौर को फांसी की सजा और उसके प्रेमी मिट्ठू सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. आरोपी इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं.