UP Election: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव के साथ समझौते से पहले अपने कार्यकर्ताओं का मन भी टटोला था. वह जानना चाहते थे कि आखिर उनके समर्थक कार्यकर्ताओं का समाजवादी पार्टी के साथ मिलने पर क्या नजरिया है. इसी को लेकर उन्होंने पार्टी की 15 व 16 दिसंबर को अति महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी.
15 दिसंबर को बैठक में मंडल व सह मंडल प्रभारी शामिल हुए थे. वहीं दूसरे दिन 16 दिसंबर को जिलाध्यक्ष, महासचिव, प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय व प्रदेश अध्यक्ष बुलाए गए थे. इस मीटिंग में प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने पदाधिकारियों से समाजवादी पार्टी से समझौते लेकर चर्चा की थी. बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने गठबंधन तो कुछ लोगों ने विलय को लेकर सहमति जताई थी. वहीं कुछ पदाधिकारी चुनाव में सीटों की संख्या को लेकर आशंका व्यक्त कर रहे थे.
दोपहर बाद तक चली मीटिंग के बाद शिवपाल सिंह यादव प्रसपा प्रदेश कार्यालय से विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने आवास आ गए़. इसके लगभग 15 मिनट बाद अखिलेश यादव बिना सुरक्षा काफिले के अचानक चाचा शिवपाल यादव के घर पहुंच गए. इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से विक्रमादित्य मार्ग पर अचानक माहौल बदल गया. सपा – प्रसपा दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं के चेहरे पर खुशी दौड़ गई.
सभी नारेबाजी करते हुए शिवपाल यादव के आवास के बार इकठ्ठे हो गए. अखिलेश यादव शिवपाल यादव जिंदाबाद के नारे लगाते कार्यकर्ताओं का हुजूम वहां उमड़ पड़ा. लगभग 45 मिनट तक चली मुलाकात के बाद जब अखिलेश यादव बाहर निकले, तब तक चाचा-भतीजे की मुलाकात ने विक्रमादित्य मार्ग से लेकर सैफई तक कार्यकर्ताओं को नया संदेश दे दिया था.
अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव दोनों ने ही अपने ट्विटर हैंडल से इस मुलाकात की फोटो जारी की. साथ ही विधान सभा चुनाव 2022 में साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जानकारी दी.
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