UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सत्तारूढ़ बीजेपी जहां सत्ता पर एक बार फिर काबिज होना चाहती है वहीं सपा, बसपा और कांग्रेस भी उसके मंसूबों पर पानी फेरने की पूरी कोशिश में हैं. कुल मिलाकर बीजेपी के लिए सत्ता में दोबारा काबिज होने की राह आसान नहीं होने वाली है.
उत्तर प्रदेश की कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी ने पिछली बार यानी 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़ी मुश्किल से जीत हासिल की थी. इन सीटों में से एक सीट श्रावस्ती थी. यहां बीजेपी प्रत्याशी को महज 445 मतों से जीत मिली थी. इससे पहले इस सीट पर सपा का कब्जा था. इसके अलावा, भिनगा विधानसभा क्षेत्र में बसपा को जीत मिली थी. यहां बसपा प्रत्याशी ने बीजेपी प्रत्याशी को 6090 मतों से हराया था. इस सीट पर पहले बीजेपी का कब्जा था.
भिनगा विधानसभा क्षेत्र में 2017 के विधानसभा चुनाव में कुल 2 लाख 20 हजार 844 मत पडे़ थे. इसमें बसपा प्रत्याशी मोहम्मद असलम को 76,040 मत मिले थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी अलक्षेंद्र कांत सिंह को 69 हजार 950 मत प्राप्त हुए थे. वहीं, सपा प्रत्याशी इंद्राणी वर्मा को 57 हजार 986 मत मिले. वह तीसरे स्थान पर रहीं. यहां के 4746 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था.
अगर बात श्रावस्ती विधानसभा सीट की करें तो यहां कुल 2 लाख 41 हजार 304 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. भाजपा प्रत्याशी रामफेरन पांडे ने सपा के मोहम्मद रमजान को 445 मतों से शिकस्त दी थी. रामफेरन पांडे को 79 हजार 437 मत प्राप्त हुए थे जबकि मोहम्मद रमजान को 78 हजार 992 मत प्राप्त हुए. बसपा के सुभाष सत्या 53 हजार 014 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे. यहां के 4289 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया. रालोद प्रत्याशी विनोद त्रिपाठी को छोड़ कर कोई भी निर्दल प्रत्याशी नोटा का आंकड़ा पार नहीं कर सके.
श्रावस्ती विधानसभा सीट देवीपाटन मंडल के अंतर्गत आती है. यह 2008 में अस्तित्व में आयी थी. 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से सपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार भाजपा जीत को दोहराती है या फिर सपा फिर से दोबारा वापसी करेगी. इसके अलावा, बसपा के प्रदर्शन पर भी सबकी नजरें रहेंगी.
Posted By: Achyut Kumar