Janmashtami: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद गोकुल में नंद उत्सव की धूम, भक्तों ने दी बधाइयां

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद गोकुल में खुशी मनाई जा रही है. यह मुख्य कार्यक्रम नंद भवन में किया जा रहा है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था. कंस के डर से वासुदेव उनको यमुना के रास्ते अपने मित्र नंद बाबा के महल गोकुल ले गए थे.

By Amit Yadav | September 8, 2023 9:09 PM

मथुरा: मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के बाद अब नंद उत्सव की शुरुआत हो गई है. श्रीकृष्ण के जन्म के बाद नंदलाल के बधाई उत्सव का लोग जमकर आनंद ले रहे हैं. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद गोकुल में खुशी मनाई जा रही है. गोकुल में मंदिर के साथ-साथ रास्तों पर श्रद्धालु नाच रहे हैं और गा रहे हैं. साथ ही भगवान कृष्ण के पिता को बधाई भी दे रहे हैं.

गोकुल में भी बाल गोपाल के जन्म की खुशी

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद गोकुल में खुशी मनाई जा रही है. यह मुख्य कार्यक्रम नंद भवन में किया जा रहा है. जहां मंदिर के पुजारी ने बाल गोपाल का पहला अभिषेक किया और फिर उनका आकर्षक श्रंगार किया. इसके बाद नंद भवन में बधाइयां गाई जा रही है.

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कंस के डर से वासुदेव श्रीकृष्ण को गोकुल ले गये

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था. कंस के डर से वासुदेव उनको यमुना के रास्ते अपने मित्र नंद बाबा के महल गोकुल ले गए थे. जहां उन्होंने भगवान कृष्ण को यशोदा मैया के पास लिटा दिया और वहां सहयोग माया को लेकर आ गए. सुबह जब गोकुल के निवासी जागे तो पता चला कि यशोदा मैया के लाल ने जन्म लिया है. इसके बाद सभी बृजवासी नंद बाबा को बधाई देने उनके महल पहुंचे. जहां लोगों ने बधाई के साथ कहा कि नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी और जय कन्हैया लाल की.

नंद चौक पर हुआ उत्सव

नंद भवन से भगवान श्री कृष्ण को पालने में बैठकर सवारी भी निकल गई. गोकुल की गलियों से होती हुई यह सवारी नंद चौक पर पहुंची. जहां भक्तों ने भी अपने भगवान को पालना जलाया. इस दौरान नंद चौक पर गुब्बारे आदि लगाकर सजावट की गई. भगवान की सवारी नंद चौक पर पहुंचने के साथ ही वहां पर बधाइयां देनें का काम भी शुरू हो गया.

भक्तों पर हल्दी चंदन से निर्मित चीची डाली गयी

नंद उत्सव में बधाई देने से पहले भक्तों के ऊपर हल्दी चंदन से निर्मित भगवान कृष्ण की चीची डाली गई इसके बाद मंदिर के पुजारी और भक्तों ने बधाई लूटी. जिसके बाद भगवान की प्रसादी वस्त्र, खिलौना, मिठाई, ट्रॉफी आदि बांटकर भक्तजन आनंद से झूमने लगे.

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