श्री राम मंदिर भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता प्रतीक: सीएम योगी
22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को अलौकिक, अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बनाने के निर्देश दिए हैं. यह उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग का सुअवसर है.
अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को अलौकिक, अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने मंगलवार को इस संबंध में अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की. सीएम ने कहा कि पूरी दुनिया अयोध्या की ओर उत्सुकता से देख रही है. हर कोई अयोध्या आना चाहता है. पूरा देश राममय है. यह उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग का सुअवसर है. श्रीराम मंदिर राष्ट्र मंदिर के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक होगा.
उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों, पर्यटकों/श्रद्धालुओं के आगमन को सुखद, संतोषप्रद अनुभव के लिए राज्य सरकार कोई कोर-कसर न छोड़ा जाए. आतिथ्य-सत्कार में स्वच्छता एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है. जनसहयोग लें और अतिरिक्त मैनपॉवर तैनात करें. मुख्य मार्ग हो या कि गलियां धूल न उड़े, गंदगी न हो. जगह-जगह कूड़ेदान रखे हों. वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था हो.
सीएम योगी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम उस प्रदेश में रहते हैं, जहां प्रभु श्रीराम ने अवतार लिया. प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु/पर्यटक अवधपुरी आएंगे. उत्तर प्रदेश आगमन पर उन्हें अलौकिक अनुभूति हो, इसके लिए उत्कृष्ट आतिथ्य की सभी व्यवस्थाएं की जाएं. रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पूरे देश से गणमान्य लोग आ रहे हैं. ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर पूरी अवधपुरी की भव्य साज-सज्जा की जाए. श्री राम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुए यातायात प्रबंधन, प्रोटोकॉल के अनुरूप अतिथियों के स्वागत-सत्कार के लिये सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएं.
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अलग-अलग भाषाओं में लगेंगे साइनेज
सीएम योगी ने निर्देश दिया कि 22 जनवरी के बाद अयोध्या में दुनिया भर से रामभक्तों आएंगे. उनकी सुविधा के लिए पूरे नगर में विभिन्न भाषाओं में साइनेज लगाए जाएं. संविधान की 08वीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं और संयुक्त राष्ट्र की 09 भाषाओं में साईनेज हों. प्रयागराज-अयोध्या, गोरखपुर-अयोध्या, लखनऊ-अयोध्या, वाराणसी-अयोध्या मार्ग पर स्मार्ट साइनेज लगाये जाएं. विभिन्न भाषाओं में सूचना प्रसारित हो. इन मार्गों पर अतिक्रमण न हो. स्वच्छता हो. रेहड़ी-पटरी व्यवसायी न हो. क्रेन, एंबुलेंस की उपलब्धता हो.