हाथरस कांड की जांच को लेकर गठित SIT सदस्य डीआइजी चंद्रप्रकाश की पत्नी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
लखनऊ : हाथरस कांड की जांच को लेकर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) में शामिल डीआइजी चंद्रप्रकाश की पत्नी पुष्पा प्रकाश की राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी है.
लखनऊ : हाथरस कांड की जांच को लेकर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) में शामिल डीआइजी चंद्रप्रकाश की पत्नी पुष्पा प्रकाश की राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी है.
बताया जा रहा है कि उन्होंने फांसी लगाकर कर आत्महत्या कर ली है. आनन-फानन में उन्हें लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. चंद्रप्रकाश पीटीसी उन्नाव में डीआइजी के पद पर तैनात हैं.
जानकारी के मुताबिक, 2004 बैच के आइपीएस अधिकारी चंद्र प्रकाश की पत्नी पुष्पा प्रकाश ने शनिवार को करीब 11:00 बजे के आसपास आत्महत्या कर ली है. डीआइजी की 36 वर्षीय पत्नी पुष्पा प्रकाश ने फांसी लगाकर आत्महत्या क्यों की, इसकी वजह अभी तक साफ नहीं हो पायी है.
पुलिस को घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. मालूम हो कि हाथरस कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआइटी गठित कर पूरे प्रकरण के हर पहलू की पड़ताल कराने का निर्देश दिये गये थे.
सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय टीम में डीआइजी चंद्र प्रकाश भी बतौर सदस्य शामिल हैं. चंद्र प्रकाश-द्वितीय की साफ-सुथरी छवि के ईमानदार अफसरों में गिनती होती है.
इधर, हाथरस कांड में माहौल बिगाड़ने की साजिश के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की हाथरस, मथुरा और अलीगढ़ में छानबीन जारी है. एसटीएफ की जांच का दायरा जल्द लखनऊ, गाजियाबाद व अन्य जिलों में भी बढ़ सकता है. इन जिलों में भी एसटीएफ की टीमें छानबीन करेंगी.
हालांकि, पहले मथुरा में पकड़े गये कैंपस फ्रंट आफ इंडिया के चार सदस्यों से पूछताछ की तैयारी है. एसटीएफ के अधिकारियों को उम्मीद है कि मथुरा में पकड़े गये आरोपितों से पूछताछ में साजिश से जुड़े अहम लोगों की जानकारियां सामने आ सकती हैं.
इसी कड़ी में एसटीएफ सोशल मीडिया के कई अकाउंट भी लगातार खंगाल रही है. एसटीएफ हाथरस व अन्य जिलों में दर्ज कराये गये मुकदमों में अब तक की गयी कार्रवाई का पूरा ब्योरा भी जुटा रही है. इन मुकदमों में जिन आरोपितों की भूमिका सामने आयी है, उन पर एसटीएफ की खास नजर है.