Old Pension: पुरानी पेंशन के लिए सोशल मीडिया बना सहारा, वोट फॉर ओपीएस को कराया टॉप ट्रेंड

ऑल टीचर्स इम्प्लाइज एसोसिएशन (अटेवा) और नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) ने सोशल मीडिया पर हैशटैग वोट फॉर ओपीएस को ट्रेंड कराया, कहा कि पुरानी पेंशन को जो भी घोषणा पत्र में रखेगा, उसी के साथ शिक्षक कर्मचारी जाएगा

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2022 10:25 PM
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Old Pension: ऑल टीचर्स इम्प्लाइज एसोसिएशन (अटेवा) और नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) ने रविवार को सोशल मीडिया पर हैश टैग वोट फॉर ओपीएस को टॉप ट्रेंड कराया. एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार ‘बंधु’ के आह्वान पर 16 जनवरी को दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक कर्मचारियों, शिक्षकों, अधिकारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए ट्विटर पर #voteforOPS अभियान चलाया गया.

इस अभियान में देश व उत्तर प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियों के ट्वीट से यह हैशटैग लगातार ट्रेंड में बना रहा. शिक्षक-कर्मचारियों ने ट्विटर अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री व राज्यों के मुख्यमंत्रियो से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की. उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव को ध्यान में रखते हुए विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओ से पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में रखने व प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने की अपील भी की गई.

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विजय कुमार बंधु ने बताया कि वर्तमान में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सहित देश के लाखों पेंशन विहीन शिक्षक कर्मचारियों ने ट्विटर अभियान के माध्यम से अपनी एकता का प्रदर्शन किया है. पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर सभी कर्मचारी एकजुट हैं. इनको नजरअंदाज करना सभी दलों को भारी पड़ेगा.

अटेवा, एनएमओपीएस ने मांग की है कि शिक्षक, कर्मचारियों के इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में रखें. सरकार बनने पर पुरानी पेंशन को लागू करें. अटेवा के प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि उप्र में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. पूरा चुनाव सोशल मीडिया के माध्यम से लड़ा जा रहा है.

इसलिए शिक्षक कर्मचारियों ने भी अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. शिक्षक-कर्मचारियों ने अपनी ताकत का अहसास करवा दिया है. अटेवा लगातार इस मुद्दे को लड़ रहा है, हमने बार-बार इस मुद्दे को उठाया और जिम्मेदारों तक अपनी बात पहुंचायी है. लेकिन हमारी मांग पर लगातार नकारात्मक जवाब मिला, इसका परिणाम आगामी चुनाव में दिखेगा.

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अटेवा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि ट्विटर अपनी बात रखने का सशक्त माध्यम है. इसलिए सभी पेंशनविहीन साथी इसी के माध्यम से सरकार व विपक्षी दलों तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं, जिससे समस्या का समधान हो सके. अटेवा के प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी कुलदीप सैनी, आईटी सेल के प्रभारी अभिनव सिंह राजपूत, सह प्रभारी दानिश इमरान ने कहा कि राजनीति दलो को पुरानी पेंशन की बात सुननी और माननी पड़ेगी, नहीं तो परिणाम भी भुगतना पड़ेगा.

वीरेंद्र सक्सेना ,नितिन प्रजापति, वेद आर्यन, रजत प्रकाश ,अमन ने कहा की कर्मचारियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी ताकत का एहसास करा दिया है. शिक्षक कर्मचारी अपनी आवाज को सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक दलों तक पहुंचाना चाहते हैं. मीडिया के साथ सोशल मीडिया एक बड़ा प्लेटफार्म हो गया है और वर्तमान चुनाव में तो सोशल मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका हो गई है.

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