Loading election data...

UP Chunav 2022: आंबेडकर के नाम पर ‘बुआ-बबुआ’ में गठबंधन, अखिलेश यादव ने मायावती से क्यों मांगा आशीर्वाद?

समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. एक निजी चैनल के कार्यक्रम में मायावती से जुडे़ सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें बहनजी (मायावती) का आशीर्वाद चाहिए.

By Prabhat Khabar News Desk | January 9, 2022 3:22 PM
an image

UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सात चरणों में होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजों का ऐलान 10 मार्च को किया जाएगा. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सभी दलों ने जीत के दावे किए हैं. इसी बीच समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. एक निजी चैनल के कार्यक्रम में मायावती से जुडे़ सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें बहनजी (मायावती) का आशीर्वाद चाहिए.

राजधानी लखनऊ में न्यूज 18 के एजेंडा यूपी के मंच पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कई सवालों के जवाब दिए. अखिलेश यादव ने मायावती के सवाल पर कहा- उन्हें आशीर्वाद चाहिए. वो चाहते हैं कि मायावती उन्हें आशीर्वाद दें. इस बार समाजवादी और आंबेडकरवादी बीजेपी की सरकार को हराएंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ के क्राइम कंट्रोल पर भी अखिलेश यादव ने तंज कसा. अखिलेश यादव ने कहा- सीएम योगी टारगेट करके माफिया पर कार्रवाई कर रहे हैं. वहीं, कई खुलेआम घूम रहे हैं.

अखिलेश के मायावती से आशीर्वाद मांगने को भले ही ‘संस्कार’ माना जाए. सियासी हलकों में कानाफूसी भी तेज हो चुकी है. सपा और बसपा के बीच सियासी गठबंधन कई बार हो चुके हैं. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव मायावती से सियासी गठबंधन कर चुके हैं. दोनों का गठबंधन लंबे समय तक चला नहीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और मायावती ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव के नतीजों में सपा-बसपा गठबंधन पूरी तरह फेल हुआ था. सपा को 5 और बसपा को 10 सीटें मिली थी. 23 मई को निकले नतीजे के ठीक एक महीने बाद मायावती ने 23 जून 2019 को सपा और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को तोड़ने का ऐलान किया था.

इसके पहले 1993 में मायावती ने बसपा के 164 कैंडिडेट्स को मैदान में उतारा था. जिसमें 67 कैंडिडेट्स को जीत मिली. मुलायम सिंह यादव और कांशीराम एकसाथ आए. नेताजी ने सीएम पद की शपथ ली. 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड से सपा और बसपा के रिश्ते खराब होते चले गए. एक साल बाद मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गई. मुलायम सिंह यादव ने मायावती पर सरकार गिराने के आरोप लगाए. आरोपों के जवाब में मायावती ने मुलायम सिंह यादव और सपा पर कई आरोप लगाए थे.

Also Read: UP Chunav 2022 Corona Guideline: यूपी में कोरोना संक्रमित मतदाता भी कर सकेंगे मतदान, EC ने बताए उपाय

Exit mobile version