UP Election 2022: सपा और आप के बीच गठबंधन में देरी पर गहरी खामोशी, भाजपा को हराने का है लक्ष्य
‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सभाजीत सिंह ने कहा, ‘सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुई मुलाक़ात सिर्फ इसलिए थी कि यूपी की जनता को प्रदेश की वर्तमान सरकार के चंगुल से किस तरह मुक्ति दिलाई जाए.'
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन की चर्चा बड़ी तेज हुई थी. मगर अब तक उस पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी है. हालांकि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह का कहना है कि इस पर जैसे ही कोई निर्णय लिया जाएगा. उसे तुरंत ही सर्वाजनिक कर दिया जाएगा.
यूपी के चुनावी दंगल में प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की पूर्व में ही घोषणा कर चुकी आम आदमी पार्टी को अब तक सपा की हामी का इंतज़ार है. अब यह बात सीट के बंटवारे पर रुकी है या किसी अन्य मुद्दे पर यह कुछ साफ नहीं हो पा रहा है. ऐसे में राजनीतिक दल ‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सभाजीत सिंह ने कहा, ‘सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुई मुलाक़ात सिर्फ इसलिए थी कि यूपी की जनता को प्रदेश की वर्तमान सरकार के चंगुल से किस तरह मुक्ति दिलाई जाए. दोनों दलों में जब भी गठबंधन को लेकर कोई फैसला होगा तो मीडिया को जरूर बताया जाएगा.’
वहीं, यूपी की सियासत में जीतने पर हर किसी को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की वादा करके चर्चा में आई ‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के एक बिजली संबंधी फैसले को चुनावी जुमला करार दिया है. दरअसल, भाजपा सरकार प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में अप्रैल 2022 तक मुफ्त बिजली देने की तैयारी कर रही है. संभावना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को होने वाली जयंती पर इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाए. इस बाबत पूछे जाने पर सभाजीत ने कहा, ‘चुनावी मौसम है. यह सिर्फ चुनावी जुमला है.’
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वहीं, गठबंधन के सवाल पर समाजवादी पार्टी से जब पूछा गया तो वहां से भी इस बारे में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है. पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि फिलहाल तो लक्ष्य यूपी में भाजपा को हराने का है. गठबंधन को लेकर जो भी फैसला होगा उसके बारे में मीडिया को समय आने पर सूचित कर दिया जाएगा.
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