UP MLC Election Results 2022: उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव 2022 के नतीजे 12 अप्रैल को घोषित कर दिये. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 33 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर एससी, एसटी और ओबीसी को दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है.
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा, दूसरों को जातिवादी बताने वाली भाजपा की ये है सच्चाई! एमएलसी चुनाव की 36 सीटों में से कुल 18 पर मुख्यमंत्री के स्वजातीय जीतकर बने एमएलसी. ट्वीट में आगे कहा गया है, एससी, एसटी, ओबीसी को दरकिनार कर ये कैसा ‘सबका साथ, सबका विकास’? सामाजिक न्याय को लोकतंत्र के जरिए मजबूत करने की लड़ाई लड़ते रहेंगे समाजवादी.
दूसरों को जातिवादी बताने वाली भाजपा की ये है सच्चाई!
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 12, 2022
एमएलसी चुनाव की 36 सीटों में से कुल 18 पर मुख्यमंत्री के स्वजातीय जीतकर बने एमएलसी।
एससी, एसटी, ओबीसी को दरकिनार कर ये कैसा "सबका साथ, सबका विकास"?
सामाजिक न्याय को लोकतंत्र के जरिए मजबूत करने की लड़ाई लड़ते रहेंगे समाजवादी।
गौरतलब है कि भाजपा ने 27 सीटों पर हुए चुनाव में 24 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई है. वहीं, सपा का इस चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया है. उसे किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली है. बीजेपी ने 36 सीटों पर हुए चुनाव में से 33 सीटों पर जीत दर्ज की है. उसके 9 प्रत्याशी मतदान से पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके थे.
भाजपा को इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में झटका लगा है. यहां से निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह की जीत हुई है. अन्नपूर्णा सिंह माफिया डॉन बृजेश सिंह की पत्नी हैं. इसके अलावा, भाजपा को प्रतापगढ़ और आजमगढ़ में हार का सामना करना पड़ा. प्रतापगढ़ सीट से कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह और आजमगढ़ से निर्दलीय विक्रांत सिंह रिशू ने जीत दर्ज की. विक्रांत सिंह भाजपा से निलंबित किये गये एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे हैं.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में भाजपा की मनमानी और धांधली की सभी हदें पार हो गई. भाजपा ने लोकतंत्र को कुचलने का काम किया है. उसके लिए भाजपा को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को संविधान, लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की प्रक्रिया में जरा भी विश्वास नहीं है. वह धन-बल और छल से येन-केन-प्रकारेण सत्ता में बने रहने के लिए संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के साथ ही लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं को भी तार-तार करने में लगी है. पंचायत चुनावों के बाद, आम विधान सभा चुनाव 2022 और अब स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी चुनाव में भाजपा ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं को कुचलने का ही काम किया है.
समाजवादी पार्टी ने पहले ही भाजपा की साजिशों के बारे में मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर सचेत कर दिया था कि भाजपा एमएलसी चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. यह लोकतंत्र और संविधान दोनों का संक्रमण काल है.
Posted By: Achyut Kumar