UP budget session 2023 : सपा के लिये विकास का मतलब एक जिला-एक माफिया, योगी मॉडल एक उत्पाद
सीएम योगी ने कहा कि सपा सरकार में कौन सा जिला था जहां एक माफिया नहीं था. अब यूपी एक्सपोर्ट का हब बन रहा है. 2016 -17 की तुलना में दोगुने से अधिक रोजगार दिये गये हैं. वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट गौरव करने की जगह उपहास उड़ाना अपने हस्तशिल्पियों का मजाक उड़ाने जैसा है.
लखनऊ . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधान सभा में नेता विरोधी दल एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मंगलवार का बदला ले लिया. अखिलेश यादव ने बजट पर चर्चा के दौरान राज्य के प्रत्येक जिला में उसके खास उत्पाद को बढ़ावा देने वाली सरकार की योजना वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट का मजाक उड़ाया था. योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अखिलेश यादव का नाम लिये बिना कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ने एमएसएमई को नया जीवन दिया है. आप ओडीओपी तो नहीं दे पाए, मगर वन डिस्ट्रिक्ट वन मफिया जरूर दिया था. कौन सा जिला था जहां एक माफिया नहीं था. कहीं संगठित अपराध, कहीं खनन, कहीं वन माफिया था.
हस्तशिल्पी हमारी विरासत, सपा उनको मान रही जाति का हिस्सा
सीएम योगी ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी ) के बहाने अखिलेश यादव पर हस्तशिल्पियों का मजाक उड़ाने का भी आरोप लगाया. कहा कि दुनिया की लोकप्रिय योजना बन चुकी है. प्रधानमंत्री दुनिया में कहीं जाते हैं वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की प्रतिकृति उपहार में देते हैं . इससे कलाकार की कृति को वैश्विक मान्यता मिलती है. उपहास उड़ाकर हम उनको हतोत्साहित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिये (भाजपा) के लिये वो हमारे विरासत का हिस्सा हैं आपके (सपा) लिए वो जाति का हिस्सा हो सकते हैं.
राज्य के राजस्व का योगदान 33 से बढ़कर 44 फीसदी पहुंचा
मुख्यमंत्री ने यूपी के विकास की जानकारी आंकड़ों में दी. विभिन्न योजनाओं में हुए काम का सिलसिलेवार ब्यौरा पेश करते हुए सदन का बताया कि 16 -17 में वित्तपोषण 20 फीसदी था जो 23-24 में 16 प्रतिशत हो गया है. 2016-17 के बजट में राज्य के राजस्व का योगदान सपा काल के 33 फीसदी से बढ़कर 44 फीसदी पहुंच गया है. आत्मनिर्भर बजट हो गया है. पहले आठ प्रतिशत राशि ऋणों के ब्याज में चुकता हो जाती थी, आज ये घटकर साढ़े छह फीसदी तक आ गया है. इन्फ्रा और रोजगार 2016 से तुलना करें तो ये दोगुने से ज्यादा हो गया है. आज प्रदेश के अंदर 1 लाख 56 हजार करोड़ की राशि कैपिटल एक्सपेंडीचर पर खर्च हो रही है.