यूपी के फतेहगढ़ जेल में बंद सपा विधायक ने कोर्ट से लगाई गुहार, बोले- ‘मुझे ड्राई फ्रूट और मिनरल वाटर चाहिए’

सपा विधायक रमाकांत यादव ने कोर्ट से गुहार लगाई. उन्होंने जज से कहा कि मैं बीमार हूं... ऐसे समय में ड्राई फ्रूट की सख्त जरूरत है जो मुझे नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही मिनरल वाटर भी दिया जाए.

By Radheshyam Kushwaha | June 10, 2023 1:24 PM
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लखनऊ. समाजवादी पार्टी के विधायक रमाकांत यादव फतेहगढ़ जेल में बंद हैं. आजमगढ़ में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिविजन अशोक कुमार सिंह की कोर्ट में पेशी हुई. इस दौरान विधायक रमाकांत यादव ने कोर्ट से गुहार लगाई. उन्होंने जज से कहा कि मैं बीमार हूं… ऐसे समय में ड्राई फ्रूट की सख्त जरूरत है जो मुझे नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही मिनरल वाटर भी दिया जाए. विधायक रामाकांत ने बिगड़ती सेहत का हवाला देते हुए कहा कि जेल में उन्हें डॉक्टर ने द्वारा बताया भोजन नहीं दिया जा रहा है. रमाकांत यादव ने जज से शिकायत करते हुए कहा कि अस्पताल में दांत के डॉक्टर थे. उन्होंने जांच के दौरान मेरे दांत निकाल दिए. लेकिन, जब नया दांत लगाने की बारी आई तो डॉक्टर की एंट्री बंद हो गई.

सीनियर सिविल जज ने मांगी जेल प्रशासन से आख्या

जेल का भोजन भी स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है. जिसके कारण किडनी पर असर पड़ रहा है. इस मांग पर सीनियर सिविल जज ने विचार करते हुए जेल प्रशासन से पूरे मामले में आख्या मांगी है. बता दें, फूलपुर पवई से सपा विधायक रमाकांत यादव इस वक्त उत्तर प्रदेश की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं. बाहुबली सपा विधायक रमाकांत यादव को शुक्रवार को चार मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिए MP/MLA कोर्ट में पेश किया गया.

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विधायक रमाकांत यादव ने की मांग

अहरौला और फूलपुर इलाके में हुए शराबकांड के दो मामलों और अंबारी चौक पर 1998 में लोकसभा चुनाव के दौरान फायरिंग के मामले में जज के छुट्टी पर होने के कारण अगली सुनवाई 20 जून को होगी. साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान BSNL कर्मी से लूटपाट और मारपीट के मामले में सपा विधायक की पेशी हुई थी. इस दौरान रमाकांत ने जज के सामने अपना दर्द बयां किया. सपा विधायक ने कहा कि उनका ठीक से इलाज नहीं कराया जा रहा है. शुगर के की वजह से उनकी हालत बिगड़ती जा रही है. विधायक होने के चलते प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए. रमाकांत यादव ने कहा कि अगर सरकार उनका खर्च उठाने में सक्षम नहीं है, तो उन्हें निजी खर्च पर भोजन और अन्य सुविधाओं के लिए अनुमति दी जाए.

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