UP Election 2022: BJP के डोर-टू-डोर अभियान पर रोक की मांग, सपा और कांग्रेस की अपील के पीछे क्या हैं कारण?
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में कई भाजपा नेता शामिल हुए थे. राधा मोहन सिंह के ठीक बगल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बैठे हुए हुए नजर आ रहे थे. तस्वीर खुद राधा मोहन ने ही ट्वीट की थी.
Lucknow News: भाजपा ने सोमवार की सुबह डोर-टू-डोर कैम्पेनिंग की शुरुआत की है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने राजधानी लखनऊ के बालू अड्डा क्षेत्र से इस अभियान की शुरुआत की है. मगर समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने इस अभियान को रोकने की अपील की है. वहीं, कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने इसके खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखकर प्रचार को तत्काल प्रभाव से रोकने की अपील की है.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार से डोर-टू-डोर प्रचार अभियान की शुरुआत की है. वहीं, सपा नेता सुनील सिंह साजन ने इस अभियान को रोकने की मांग की है. दरअसल, भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी राधा मोहन सिंह की कोरोना रिपोर्ट मंगलवार को ही पॉजिटिव आई है. वह सोमवार को टिकट के बंटवारे को लेकर की गई एक बैठक में शामिल हुए थे. भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में कई भाजपा नेता शामिल हुए थे. राधा मोहन सिंह के ठीक बगल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बैठे हुए हुए नजर आ रहे थे. तस्वीर खुद राधा मोहन ने ही ट्वीट की थी.
आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय, लखनऊ में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक संपन्न हुई।@JPNadda @blsanthosh pic.twitter.com/Pwk5zjEtju
— Radha Mohan Singh (@RadhamohanBJP) January 10, 2022
इसी को आधार बनाते हुए सुनील सिंह साजन ने मांग की है कि भाजपा के इस चुनाव प्रचार से आमजन को कोरोना संक्रमण हो सकता है. खास बात यह है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे. इसके ठीक अगले दिन यानी मंगलवार की सुबह यूपी चुनाव प्रभारी राधा मोहन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक जानकारी दी की उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
एमएलसी सुनील सिंह साजन ने अपने पत्र जिक्र किया है कि उस बैठक में शामिल सभी नेताओं के संक्रमित होने की आशंका है. ऐसे में भाजपा के इस दौर टू डोर अभियान को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए क्योंकि यदि वे नेता संक्रमित मिले तो प्रचार के दौरान आम जनता भी संक्रमित हो सकती है. वहीं, कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने इसके खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखकर प्रचार को तत्काल प्रभाव से रोकने की अपील की है. हालांकि, आयोग की ओर से इस संबंध में अभी कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है.