UP News: सपा 17 जातियों की अगुवाई कर दलित- पिछड़ों की लड़ेगी लड़ाई, राजनीति में अखिलेश यादव का मास्टर प्लान ?
समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी टक्कर भाजपा से मानकर चल रही है. उसकी चुनावी तैयारी का आधार भी यही है. भाजपा सरकार रोजगार ,मकान , स्वास्थ्य , सुरक्षा, शिक्षा , सड़क , बिजली- पानी देने में ही विफल नहीं है, वह जातीय भेदभाव भी कर रही है, सपा यह संदेश देने को मिशन मोड पर काम कर रही है.
लखनऊ. जातीय जनगणना को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमायी हुई है. सियायी लाभ लेने के लिये समाजवादी पार्टी कोई कसर-कमी नहीं छोड़ना चाहती है. इसी योजना के तहत उसने ” सबको सम्मान ,सबको समानता का अधिकार ,सबको सबके संवैधानिक अधिकार ” का नारा के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ “बदला ” का शंखनाद कर दिया है. भाजपा पर संपूर्ण पिछड़ा दलित को धोखा देने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मुहिम छेड़ दी है. ऐलान किया है कि बीजेपी से बदला लेने का समय आ गया है.
सपा का दावा बीजेपी से बदला लेने का समय आ गया
समाजवादी पार्टी ने अपने आफिशियल फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट जारी की है. इसमें अपनी भावी रणनीति और पिछड़ों को लेकर पार्टी के नजरिये से लोगों को अवगत कराया गया है. समाजवादी पार्टी सभी बैकवर्ड जाति के लोगों को उनके हक अधिकार की लड़ाई के लिये एकजुट करेगी. जिन 17 जातियों पर अपना फोकस किया गया है उसमें मौर्या , शाक्य , कुशवाहा , तेली , तंबोली , कुर्मी , लुहार ,कश्यप , निषाद , धुरिया , गोंड , प्रजापति , पटेल , भुर्जी , हलवाई , राजभर हैं. सपा ने भले ही इन 17 जातियों का नाम के साथ पोस्ट की है लेकिन दावा इनके अलावा बची हुई अन्य सभी बैकवर्ड जाति के लोगों को हक अधिकार दिलाने का भी कर रही है.
जातियों को लुभाने के लिये गांव की हर गली तक चलेगी मुहिम
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मांग है कि जातीय जनगणना हो. सभी दलित- पिछड़ा जातियों को उनका संवैधानिक अधिकार मिले. इस मांग को पूरा कराने के लिये सपा के कार्यकर्ता प्रत्येक जिले के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र – ब्लॉक के गांव- गांव गली- गली में जायेंगे. हर दलित ,बैकवर्ड ,अल्पसंख्यक और गरीब कमजोर मजलूम पार्टी से जोड़ेंगे. सपा का कहना है कि यह अभियान संविधान की रक्षा, भाईचारे और समाजवाद की स्थापना के लिए कृत्संकल्पित है.