Lucknow : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कहने को तो प्रदेश का सबसे VIP शहर है. मगर, आय दिन शहर में कहीं न कहीं भीषण जाम लगा रहता है. आज तक इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है. लखनऊ पुलिस दावा करती है कि शहर की सड़कों को जाम मुक्त रखने के लिए हर समय एक्टिव रहती है.
लेकिन उसके इस दावे की पोल शनिवार को खुल गई. लखनऊ कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एलिवेटेड मार्ग के निर्माण कार्य में हो रही पाइलिंग के चलते हर रोज गौरी कस्बे पर लगने वाले भीषण जाम से डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी नहीं बच सके.
दरअसल शनिवार दोपहर को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक कानपुर से लखनऊ वापस आ रहे थे. इस दौरान कानपुर रोड़ पर भीषण जाम लगा हुआ था. इस जाम में उनके फ्लीट के साथ-साथ एक एम्बुलेंस भी फंसी हुई थी. डिप्टी सीएम की फ्लीट में लगी पुलिस एस्कॉर्ट के पुलिसकर्मियों द्वारा आनन-फानन में रूट क्लियर करवाकर डिप्टी सीएम और एम्बुलेंस को निकलवाने की कोशिश की, लेकिन काफी जद्दोजहद करनी पड़ी इसी बीच डिप्टी सीएम बृजेश पाठक गाड़ी से सड़क पर उतर आए. इस दौरान वे लगभग ढाई किलोमीटर पैदल चले तब कहीं एम्बुलेंस जाम से निकल सकी. इसके बाद सख्त लहजे में पुलिस कमिश्नर को मामले से अवगत कराया.
आनन-फानन में डीसीपी विनीत जायसवाल, एसीपी कृष्ण नगर विनय द्विवेदी, व ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी गौरी कस्बे में पहुंचे तो, लेकिन तब तक डिप्टी सीएम निकल चुके थे. फिलहाल डिप्टी सीएम निकलने के बाद पुलिस के अधिकारी मौके पर ही रुक कर आधे घंटे तक जाम खुलवाने में लगे रहे.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर एलिवेटेड मार्ग के निर्माण में करीब दो महीने से पाइलिंग का काम किया जा रहा है. एनएचआई द्वारा मुख्य मार्ग पर ही डिवाइडर के आसपस लोहे की चादर बिछा रखी जिससे मुख्य मार्ग काफी संकरा हो चुका है, जिसके चलते स्कूटर्स इंडिया चौराहे से हाइडिल चौराहे तक हर रोज जाम की स्थिति बनी रहती है. इतनी समस्या होने के बावजूद इस ओर एनएचएआई द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहे हैं. फिलहाल, जाम में फंसने के बाद डिप्टी सीएम ने जिम्मेदारों के विरुद्ध नाराजगी जताई है.