लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर घर को रौशन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. उत्तर प्रदेश में कुल 3.27 करोड़ विद्युत उपभोक्ता है. घरेलू कनेक्शन की संख्या 2.88 करोड़ है. उत्तर प्रदेश की जनसंख्या को आधार मानें तो घरेलू विद्युत संयोजनों की संख्या कुल परिवारों की संख्या से कम है. ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे परिवार जो बिना कनेक्शन के बिजली उपभोग कर रहे हैं को नियमानुसार कनेक्शन दिया जाए. इससे बिजली चोरी पर भी रोक लग सकेगी. योजना को सफल बनाने के लिए यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने आदेश जारी कर दिया है.आदेश में सभी छूटे परिवारों का चिह्नांकन अभियान चलाकर किया जाए.
विद्युत विभाग के कर्मचारी ग्राम पंचायत में उपलब्ध परिवार रजिस्टर देखेंगे. नगरीय क्षेत्र में हाउस टैक्स और वॉटर टैक्स के रिकार्ड अथवा राशनकार्ड का विवरण देखकर तय करेंगे कि किस परिवार के यहां वैद्य विद्युत संयोजन है और किसके यहां नहीं है. विस्तृत सर्वे के लिए जिलों में इंटर कॉलेज, आईटीआई, पॉलीटेक्निक एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों की मदद ली जाएगी. छात्रों का चयन करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रधानाचार्यों की एक बैठक होगी. छात्रों की टोलियों को क्षेत्र आवंटित कर क्षेत्र का सर्वे कराया जाएगा. सर्वे के लिए छात्रों को एक प्रोजेक्ट के माध्यम से कार्य आवंटन किया जाएगा. स्वयं सहायता समूह एवं विद्युत सखियों की भी सेवा ली जाएगी.
सर्वे करने वाले छात्रों , स्वयं सहायता समूहों तथा विद्युत सखियों को सर्वे के बाद प्रति नए संयोजन के लिए 100 रुपए इंसेंटिव के रूप में मिलेंगे. यह भुगतान अधिशासी अभियंता हर सप्ताह करेंगे. नकद राशि के अलावा अच्छा कार्य करने वाले छात्र, व्यक्ति एवं समूहों को प्रमाण पत्र एवं प्रशस्ति पत्र भी अधिशासी अभियंता द्वारा दिया जाएगा. नये बिजली कनेक्शन तभी माने जाएंगे जब मीटर लग जाएगा. आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे. आवेदन करने में समस्या आती है तो सादे पेपर पर घोषणा पत्र लेकर संयोजन दिया जाएगा.