सुब्रत राय सहारा का बैकुंठ धाम में अंतिम संस्कार संपन्न, दर्शन के लिये पहुंचे वीवीआईपी
सहाराश्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय का अंतिम संस्कार गुरुवार को बैकुंठ धाम लखनऊ में हुआ. उनके पोते ने मुखाग्नि दी. पार्थिव शरीर बुधवार शाम को लखनऊ लाया गया था. उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग सुबह से ही इंतजार कर रह थे. भारी संख्या में उनके चाहने वाले व अन्य विशिष्ट लोग सहारा शहर पहुंचे गये थे.
मुम्बई के एक अस्पताल में मंगलवार रात सुब्रत राय का 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. उनके निधन की सूचना पर सहारा परिवार के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई. बुधवार दोपहर बाद चार्टर के जरिए उनके पार्थिव शरीर को चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लाया गया. जहां पहले से ही उनके परिजन मौजूद थे. शाम 4.10 बजे अमौसी एयरपोर्ट पर चार्टर उतरा, जहां एयरपोर्ट प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे. शाम 4.35 बजे वाहनों के काफिले के बीच पार्थिव शरीर को शहीद पथ के रास्ते सहारा शहर के लिए रवाना कर दिया गया.
सहाराश्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर बुधवार शाम को लखनऊ लाया गया. एयरपोर्ट से पार्थिव शरीर को सहारा शहर ले जाया गया. देर शाम सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर सहारा शहर पहुंचा. कंपनी के कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिये सहारा शहर के गेट से लेकर अंदर तक मौजूद थे.
सहारा श्री सुब्रत रॉय के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिये विशिष्ट, अति विशिष्ट लोगों की भीड़ लगी रही. उनकी बहन कुमकुम रॉय चौधरी, भाई जेबी रॉय सहारा शहर में मौजूद थे. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सुब्रह रॉय सहारा के अंतिम दर्शन किये और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
वरिष्ठ नेता अम्मार रिजवी भी सुब्रत रॉय सहारा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. सुब्रत रॉय के 16 वर्षीय पोते बैकुंठ धाम में उनका अंतिम संस्कार करेंगे. सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय, बेटे सुशांतो रॉय और सीमांतो के विदेश में होने के कारण अंतिम संस्कार में शामिल होने की संभावना नहीं है. ऐसे में सहाराश्री के पोते ने उन्हें मुखाग्नि देने दी.
कांग्रेस नेता व अभिनेता राजबब्बर ने भी सहारा शहर पहुंच कर सुब्रत रॉय को श्रद्धांजलि दी. सहारा परिवार से जुड़े कर्मचारी व अधिकारी बड़ी संख्या में सहारा शहर पहुंचे हुए थे. जहां उनके पार्थिक शरीर के दर्शन के दौरान लोगों की आंखें नम भी हो गईं. दर्शन करने वालों में युवाओं से लेकर उम्रदराज लोग व महिलाएं तक शामिल रहीं. लोग सहाराश्री से जुड़े किस्सों को भी एक-दूसरे से साझा करते नजर आए. सहारा शहर से पार्थिव शरीर तक की दूरी काफी होने की वजह से लोगों की सुविधा के लिए पिकअप वाहन लगवाया गया. मुख्य गेट से लोगों को वाहनों से दर्शन के लिए ले जाया गया. पंडाल भी लगवाए गए थे तथा लोगों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था थी. देर रात तक लोग दर्शन करने के लिए उमड़े रहे.
महशहू पार्श्व गायक सोनू निगम भी लखनऊ पहुंचे और उन्होंने सुब्रत रॉय सहारा के अंतिम दर्शन किये. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, अभिषेक मिश्र, सपा एमएलसी राजेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे, राजद प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र सहित सांसद नरेश अग्रवाल, मंत्री नितिन अग्रवाल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
लखनऊ में सहारा शहर में सुब्रत रॉय के अंतिम दर्शन करने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सहारा प्रमुख ने अपने जीवन काल में उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ा कारोबार खड़ा किया. वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. लेकिन, आज वे हमारे बीच में नहीं है. सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि सहाराश्री सुब्रत रॉय का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावात्मक क्षति हैं क्योंकि वो एक अति सफल व्यवसायी के साथ-साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदयवाले व्यक्ति भी थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की उनका सहारा बने.
सपा अध्यक्ष अखिलेश जेबी रॉय से मिलकर सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि सुब्रत रॉय का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावात्मक क्षति हैं क्योंकि वो एक अति सफल व्यवसायी के साथ-साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदयवाले व्यक्ति भी थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की उनका सहारा बने. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि सहाराश्री सुब्रत राय का जाना अपूरणीय क्षति है. शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य कभी भुलाए नहीं जा सकते.
वरिष्ठ नेता सिराज मेहंदी ने भी सुब्रत रॉय सहारा को श्रद्धांजलि दी. जिस बैंकुठ धाम में सहारा श्री का अंतिम संस्कार होगा, उसका जीर्णोद्धार भी उन्होंने ही कराया था. सुब्रत राय सहारा ने बैकुंठ धाम को सजाने संवारने में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ी थी.
सपा नेता अरविंद सिंह गोप ने सहारा शहर पहुंचकर सुब्रत रॉय को श्रद्धांजलि दी. सहारा शहर से लेकर बैकुंठ धाम तक लोग सहारा श्री के अंतिम दर्शन के लिये आतुर थे.
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