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सुल्तानपुर के दामाद का होगा मध्य प्रदेश में ‘राजतिलक’, संभालेंगे CM की कुर्सी, जानें क्या बोले ससुराल के लोग

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे. मध्य प्रदेश के सीएम का शपथ ग्रहण समारोह 13 दिसंबर को होगा. सबसे दिलचस्प बात यह है कि मोहन यादव का यूपी से भी कनेक्शन है, उनकी ससुराल यूपी के सुल्तानपुर में है.

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP ने कई दिनों तक चले मंथन के बाद आखिरकार शिवराज सिंह सरकार में शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया. विधायकों की बैठक में मोहन यादव को विधायक दल का नेता चुना गया. मध्य प्रदेश के सीएम का शपथ ग्रहण समारोह 13 दिसंबर को होगा. सबसे दिलचस्प बात यह है कि मोहन यादव का यूपी से भी कनेक्शन है, उनकी ससुराल यूपी के सुल्तानपुर में है. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आने वाले मोहन यादव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी हैं. मोहन यादव का नाम सीएम के लिए तय होने जाने के बाद सुल्तानपुर में जश्न का माहौल है. ससुराल वालों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया और बधाई दी थी. नगर कोतवाली के डिहवा मोहल्ले के रहने वाले ब्रह्मादीना यादव (96) की बेटी सीमा यादव का विवाह मोहन यादव से हुआ था. ससुर ब्रह्मादीन यादव ने फोन करके बेटी-दामाद को बधाई दी. उन्होंने कहा कि जीवन धन्य हो गया. मोहन यादव अपनी पत्नी के साथ पिछले साल अगस्त 2022 में सुल्तानपुर आए थे. तब ससुर ब्रह्मादीन यादव की तबीयत खराब थी. उसके बाद 6 महीने पहले सास के निधन पर आए थे. बुजुर्ग ब्रह्मलीन उस पल को याद करते दिखाई दिए.

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ससुर के अलावा मोहन यादव के साले विवेकानंद यादव, उनकी पत्नी और बच्चों ने खुशी जाहिर की. बता दें कि उज्जैन दक्षिण विधानसभा से लगातार तीसरी बार मोहन यादव को विधायक चुना गया है. मोहन यादव की राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी है. मोहन यादव लंबे अरसे से राज्य की सियासत में सक्रिय है. उनके राजनीतिक सफर पर गौर किया जाए तो वह 1982 में उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय के सह सचिव चुने गए थे और 1984 में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने थे. सुल्तानपुर शहर के ओमनगर में विवेकानंद यादव का घर है. विवेकानंद मोहन यादव के साले हैं. वह सरस्वती विद्या मंदिर में शारीरिक शिक्षक (पीजीटी) हैं. उनके साथ 96 साल के पिता ब्रह्मालीन यादव रहते हैं. ब्रह्मालीन यादव के तीन बेटे और एक बेटी है. इकलौती बेटी सीमा की शादी 1994 में मोहन यादव से उज्जैन में हुई थी. उम्र के कारण ब्रह्मालीन यादव ज्यादा बात नहीं करते हैं. लेकिन, मोहन यादव का नाम सुनते ही कहा कि अब महाकाल के दर्शन कर बधाई देंगे.

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सुल्तानपुर के दामाद का होगा मध्य प्रदेश में 'राजतिलक', संभालेंगे cm की कुर्सी, जानें क्या बोले ससुराल के लोग 2
मोहन यादव के ससुर का भी है संघ से जुड़ाव

साले विवेकानंद यादव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह घर में सबसे छोटे हैं. उनसे बड़े दो भाई और बहन सीमा (मोहन यादव की पत्नी) हैं. मूल रूप से परिवार अंबेडकरनगर जिले की भीटी तहसील के कोडड़ा डड़वा गांव से हैं. विवेकानंद ने बताया कि उनके पिता शुरुआत से संघ से जुड़े थे. विद्यार्थी जीवन में उन्होंने कई आंदोलन किए. इसके बाद पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए घर से भागकर मुंबई चले गए. उनका असली नाम ब्रह्मानंद था, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने बाद में अपना नाम ब्रह्मादीन रख लिया. आंदोलन में नाम नहीं आने के बाद इधर गांव में हमारी जमीनें पुलिस-प्रशासन ने जब्त कर ली. ज्यादा कुछ बचा नहीं. इसके बाद पिता ने मुंबई में पढ़ाई शुरू की. पढ़ाई पूरी करके फिर यूपी आ गए. नौकरी के लिए मध्य प्रदेश के रीवा पहुंच गए. वहां एक राजकीय स्कूल में नौकरी मिल गई. 1987 में वो प्रिंसिपल के पद से रिटायर्ड हुए हैं.

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विवेकानंद ने आगे बताया कि हम तीनों भाई और बहन सीमा यादव भले ही यूपी में पैदा हुए हैं. लेकिन हमारी पूरी पढ़ाई मध्य प्रदेश से हुई है. बहन सीमा यादव ने रीवां से 1989 में भूगोल से एमए किया है. वह शुरू से संघ से जुड़ी रही. 1984 से हम मोहन यादव के संपर्क में थे. इसके बाद विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान हम सभी की मुलाकात मोहन यादव से हुई. वह उस समय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री थे. इसी साल उज्जैन में परिवार वालों की सहमति के बाद बहन की शादी उनसे करा दी गई. विवेकानंद ने आगे कहा कि हमारे बहनोई मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इस पर यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है. वह पिछली सरकार में कैबिनेट का हिस्सा थे. शिक्षा मंत्री थे. उम्मीद थी कि इस बार भी उन्हें एमपी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा. लेकिन इससे बहुत बड़ा हो गया. उन्होंने एमपी में बहुत अच्छे काम किए हैं. उम्मीद है कि वह मध्य प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे.

वहीं विवेकानंद की पत्नी पद्मा यादव भी जीजा के सीएम बनने से बेहद खुश हैं. वह कहती हैं कि वे हमारे जीजा जी हैं. यहां तक पहुंच जाएंगे हमें अंदाजा नहीं था. जबसे सुना है तब से बहुत अच्छा लग रहा है. पीएम मोदी को धन्यवाद. बहुत खुशी हो रही है. बस और आगे बढ़े, हम सभी लोग यही चाहते हैं. वहीं विवेकानंद ने बताया कि बड़े भाई रामानंद यादव इंडियन एयरफोर्स से रिटायर्ड होकर जबलपुर में फैमली के साथ शिफ्ट हैं. उसके बाद के सदानंद यादव रीवा में विद्या भारती में जॉब कर रहे हैं. मैं यहां टीचर हूं और करीब 23 साल से यहां रह रहा हूं.

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