UP News : सूरज ने दशकों बाद पहनी चमकती रिंग, जानें कहां दिखी इंद्रधनुषी गोला बनने की दुर्लभ खगोलीय घटना
मौसम में बादल छाए रहने के कारण प्रयागराज में ‘ हेलो इफेक्ट ’ देखने को मिला. सूरज के चारों ओर इंद्रधनुषी गोला देखने को लोग अपनी छतों पर पहुंच गये. वीडियो- फोटो खींचकर रोमांचित होते रहे.
लखनऊ. बारिश के मौसम में हम सभी ने इंद्रधनुष तो देखा होगा लेकिन क्या आपने इंद्रधनुषी गोला देखा है. उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को यह अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिली. प्रयागराज के लोग इसके चश्मदीद बने. लोगों के बीच कौतूहल का विषय बनी इस घटना को लोगों ने न केवल अपने कैमरे में कैद किया बल्कि सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया. अधिकतर यूजर्स ने कमेंट में सबसे अधिक एक ही वाक्य का प्रयोग किया. अद्भुत, पहली बार देखा है ऐसा दृश्य. लोगों ने इस घटना को अपने नाते रिश्तेदारों को भी वीडियो काॅल कर दिखाया. सोशल मीडिया पर एक यूजर लिखते हैं, सुना था कि प्रकृति अपना रंग दिखाती है. आज वह रंग न केवल देखा बल्कि परिवार के लोगों को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से दिखाया भी.
सूरज के आसपास बादल होने के कारण बना गोल इंद्रधनुषसूरज के आसपास बादल होने से बने इस गोलाकार नजारे को खगोल विज्ञानियों ने सामान्य खगोलीय घटन बताया है. विज्ञानियों का कहना है कि विज्ञान की भाषा में इस घटना को वॉटर हॉलो (वॉटर हलो) कहते हैं. गोल इंद्रधनुष सूरज के आसपास बादल होने के कारण बनता है. हालांकि दशकों में ऐसा होता है. यह दुर्लभ दृश्य है. चश्मदीदों का कहना था कि आसमान में अद्भुत नजारा था. पूरी चमक बिखेर रहे सूरज के चारों तरफ एक गोला था. आम लोगों की भाषा में कहें तो सूरज ने शुक्रवार को चारों ओर से अलौकिता लिए हुए चमकती हुई रिंग पहन ली.
शंशाक मिश्रा नाम के यूजर इस बारे में जानकारी देते हैं कि वैज्ञानिकों के अनुसार सूरज के चारों ओर बना यह गोला सूर्य और चंद्रमा का गोलाकार प्रभामंडल होता है. जो 22 डिग्री एंगल पर एक-दूसरे से मिलते हैं. यह दृश्य सूर्य या चंद्रमा की रोशनी पर नहीं,बल्कि एटमॉस्फेरिक आइस क्रिस्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है. इसे 22°हेलो इफेक्ट कहते हैं. वह इसे विस्तार से समझाते हैं.