UP : सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने हापुड़ में डेलीगेट भेजा, योगी सरकार से की पुलिस पर एक्शन की मांग
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश सरकार से "राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया है कि पुलिसकर्मी अपने कार्यों के लिए जवाबदेह हों"
लखनऊ. हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य एक वकील के खिलाफ मनगढ़ंत मामले को लेकर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस घटना के बाद पुलिस और वकीलों के बीच हलचल मच गई है. उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों ने हड़ताल कर दी है. जिलों में भी वकील हड़ताल के साथ सड़कों पर उतर आए हैं. वह आगे की हड़ताल का आह्वान कर रहे हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने सड़क पर प्रदर्शन कर रहे वकीलों पर मंगलवार को हापुड़ पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया.
मामले की जांच के लिए प्रतिनिधिमंडल हापुड भेजामीडिया से बात करते हुए एससीबीए के सचिव रोहित पांडे ने कहा कि हापुड बार की शुरुआती रिपोर्टों से संकेत मिला है कि पुलिस के लाठीचार्ज के कारण कई वकीलों को गंभीर चोटें आईं. पांडे ने कहा, “हमने यह जांचने के लिए एक प्रतिनिधि को हापुड भी भेजा है कि वास्तव में वहां क्या हुआ है. “सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के हापुड में अधिवक्ताओं पर पुलिस के अमानवीय और हिंसक कृत्यों की कड़ी निंदा करता है, जहां महिला वकीलों के साथ भी पुलिस ने क्रूरता बरती. वकीलों पर लाठीचार्ज किया जबकि वह कथित उत्पीड़न के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया, ”पुलिस की लापरवाही, उनके अधिकारों और कानून के शासन का स्पष्ट उल्लंघन है”.
एससीबीए ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि महिला वकीलों को “पुलिस क्रूरता” का शिकार होना पड़ा. इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी वकीलों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया. हापुड पुलिस के एक सिपाही द्वारा एक वकील के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद मंगलवार को हापुड जिला बार के सदस्यों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. वकीलों ने दावा किया कि एफआईआर “झूठी” थी. खबरों के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद लाठीचार्ज हुआ, जिसमें 30 से अधिक वकील घायल हो गए.
VIDEO | Advocates held a protest in Lucknow earlier today against the Hapur Police's lathi-charge on lawyers earlier this week. pic.twitter.com/u3O4KFYLSR
— Press Trust of India (@PTI_News) August 30, 2023
एससीबीए ने अधिकारियों से घटना की जांच करने और दोषी पुलिस अधिकारियों को न्याय के कठघरे में लाने, लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की निंदा करने और घायल अधिवक्ताओं को मुआवजा देने की भी मांग की है. इसके अतिरिक्त, इसने उत्तर प्रदेश सरकार से “राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया है कि पुलिस कर्मी अपने कार्यों के लिए जवाबदेह हों.”