मथुरा: सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास अतिक्रमण हटाने पर लगाई रोक, रेलवे को नोटिस जारी

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि के पास रेलवे के विध्वंस अभियान पर रोक लगाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. याचिका करने वालों को 10 दिन की राहत मिली है. इस दौरान रेलवे कोई कार्रवाई नहीं करेगा. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रकरण में रेलवे को नोटिस जारी किया है.

By Sanjay Singh | August 16, 2023 12:27 PM
an image

Sri Krishna Janmabhoomi News: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कृष्ण जन्मस्थान के पास नई बस्ती में रेलवे की भूमि पर कब्जा करने वालों के मकानों पर चल रहे जेसीबी अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. इस प्रकरण में बुधवार को सुनवाई हुई, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास अतिक्रमण विरोधी अभियान को 10 दिनों के लिए रोक दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रकरण में रेलवे को नोटिस जारी किया है. इस मामले की सुनवाई अब एक सप्ताह बाद होगी. दरअसल भारतीय रेलवे अपनी पटरी के पास बसे लोगों के खिलाफ डिमोलिशन की कार्रवाई कर रहा है. इसके विरोध में पीड़ित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है.

वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के पास बस्तियों को गिराए जाने से जुड़ा है. जिन लोगों पर कार्रवाई की जा रही है, जिनके घरों को गिराया जा रहा है, वे 1800 के दशक से वहां हैं. विध्वंस के नोटिस के खिलाफ एक निषेधाज्ञा मुकदमा लंबित था. दुर्भाग्य से उच्च न्यायालय बंद है. ऐसे में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि मामले को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए.

Also Read: ICC World Cup 2023: ताजमहल में किया गया आईसीसी वर्ल्ड कप ट्रॉफी का वीडियो शूट, लखनऊ में खेले जाएंगे 5 मुकाबले

सुप्रीम कोर्ट में समक्ष पेश याचिका में याचिकाकर्ताओं ने रेलवे अधिकारी मथुरा की ओर से चलाये जा रहे ध्वस्तीकरण ​अभियान पर रोक लगाने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं ने सिविल कोर्ट के सीनियर डिवीजन, मथुरा, उत्तर प्रदेश के समक्ष एक सिविल मुकदमा दायर किया. लेकिन, इसी बीच 9 अगस्त 2023 को विध्वंस शुरू हो गया. इस दौरान चिह्नित किए गए 135 मकानों में 60 को जमींदोज कर दिया गया.

इसके अगले ही दिन 10 अगस्त को चुनौती दी गई. कोर्ट में रेलवे की ओर से पेश अधिवक्ता ने 10 अगस्त को कहा था कि उनके पास विध्वंस का कोई निर्देश नहीं है. इस बीच रेलवे लाइन पर अतिक्रमण करने वाले मकानों पर 14 अगस्त को भी जेसीबी कार्रवाई हुई थी. इस दौरान 75 मकानों को तोड़ दिया गया था.

इसके बाद अब बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में सुनवाई की. सुप्रीक कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 16 अगस्त को मामले की सुनवाई करने का आश्ववासन दिया था. अब मामले में फिलहाल पीड़ित पक्ष को राहत मिल गई है. अब कोर्ट में अगली सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से अपना पक्ष रखा जाएगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट मामले में अपना आदेश देगा.

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को सभी अदालती कार्यवाही निलंबित कर दी गई थी. एक वकील को गोली लगने के कारण बार काउंसिल ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसकी वजह से इस मामले में याचिकाकर्ता हाईकोर्ट का रुख नहीं कर सके.

Exit mobile version