Lucknow: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam Khan) के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ अब्दुल्ला के वकील की दलीलों के आधार पर मामले की सुनवाई के लिए तैयार हुई है.
अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसके मुताबिक करीब 15 साल पुराने एक आपराधिक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. मामले में अब्दुल्ला को दो साल की सजा सुनाई गई थी और इस सजा के आधार पर उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
इस मामले में अब्दुल्ला को प्रदेश में मुरादाबाद जनपद के छजलेट इलाके में एक धरने के दौरान सड़कों को अवरुद्ध करने के मामले में दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनाई. इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने 13 फरवरी को अब्दुल्ला की सीट को रिक्त घोषित कर दिया.
खास बात है कि आजम अब्दुल्ला संभवत: इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनकी एक से ज्यादा बार विधानसभा सदस्यता रद्द की जा चुकी है. पहली बार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव लड़ने के दौरान उनकी आयु 21 वर्ष से कम साबित होने पर सदस्यता रद्द कर दी थी. इसके बाद अब्दुल्ला आजम 11 मार्च, 2017 को सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. जब वह दोबारा एमएलए बने तो सजा के कारण उनकी विधायकी रद्द कर दी गई.
इस बीच रामपुर की स्वार विधानसभा सीट पर अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द होने के कारण हो रहे उपचुनाव में भाजपा-अपना दल (सोनेलाल) से शफीक अहमद अंसारी मैदान में हैं. इस सीट पर सपा ने अनुराधा चौहान को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा गठबंधन से उपचुनाव में भी जीत का दावा किया है. कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि रामपुर की स्वार और मीरजापुर की कोल दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे गठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में आएंगे.