Lucknow: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के लिए बुधवार को अहम दिन है. अब्दुल्ला ने अपनी विधानसभा सदस्यता रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. रामपुर की स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव के ऐलान के बीच सुप्रीम कोर्ट में ये सुनवाई अहम होगी और सियासी दलों की इस पर निगाहें लगी हुई हैं.
अब्दुल्ला आजम ने 15 साल पुराने मामले में उन्हें दोषी ठहराए जाने और दो साल कैद की सजा सुनाए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले अब्दुल्ला आजम को राहत देने से इनकार करते हुए सुनवाई की तारीख दी थी. इसे लेकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था. इसी पर आज दोनों पक्ष कोर्ट में अपनी दलील देंगे.
स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को मतदान होना है और 13 मई को परिणाम आएंगे. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में ये सुनवाई अहम मानी जा रही है. अब्दुल्ला के वकील विवेक तन्खा के मुताबिक अब्दुल्ला आजम को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उस समय वह 15 वर्ष के किशोर थे.
दरअसल अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद की कोर्ट ने 13 फरवरी 2023 को 15 साल पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई थी. मामले के अनुसार 29 जनवरी 2008 को छजलैट पुलिस ने पूर्व मंत्री आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था, जिससे उनके समर्थक भड़क गए थे. इसके बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था.
इस हंगामे में अब्दुल्ला समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था. पुलिस ने इस मामले में हंगामा करने वाले सभी लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था. इस मामले में कोर्ट ने आजम खां के साथ अब्दुल्ला आजम को भी दो साल की सजा सुनाई थी.
सजा के बाद विधानसभा सचिवालय की ओर से 15 फरवरी को अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द किए जाने संबंधी आदेश जारी किया गया. अब्दुल्ला 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर जनपद की स्वार सीट से निर्वाचित हुए थे. इस फैसले के खिलाफ अब्दुल्ला ने इलाहाहाबाद हाईकोर्ट में भी अर्जी दाखिल कर रखी है. याचिका 17 मार्च को दाखिल की गई थी, जिसमें यूपी सरकार को तीन हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा गया.