UP Chunav 2022: कांग्रेस का महिला सशक्तिकरण सिर्फ चुनावी नारा नहीं, बल्कि एक आंदोलन है- सुप्रिया श्रीनेत
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि महिला मार्च का उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं और उनकी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाना है. यह उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ, जिसमें कांग्रेस ने वादा किया और फिर महिला उम्मीदवारों को 40 प्रतिशत टिकट देने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया.
UP Assembly Election 2022: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कांग्रेस की तरफ से लखनऊ में महिला मार्च का आयोजन किया जाएगा. इसका नेतृत्व पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी. कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ कांग्रेस के लिए सिर्फ चुनावी नारा नहीं, बल्कि देश में नारी को सशक्त और सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया आंदोलन है.
बेगम हजरत महल चौराहे से शुरू होकर जीपीओ में खत्म होगा मार्च
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि महिला मार्च का उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं और उनकी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाना है. यह उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ, जिसमें कांग्रेस ने वादा किया और फिर महिला उम्मीदवारों को 40 प्रतिशत टिकट देने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया. उन्होंने कहा कि इस अभियान में पूरे देश से कांग्रेस पार्टी की निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि शामिल होंगी. दिन में 12 बजे से शुरू होने वाला यह मार्च बेगम हजरत महल चौराहे से ऊदा देवी चौराहे से होते हुए जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के पास खत्म होगा.
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ऊदा देवी नवाब वाजिद अली शाह के महिला दस्ते में हुईं शामिल
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ऊदा देवी का जन्म लखनऊ में पासी समाज में हुआ था. उनके पति लखनऊ के छठे नवाब वाजिद अली शाह अपनी सेना में सैनिकों को बढ़ाना चाहते थे, जिसमें एक सैनिक ऊदा देवी के पति भी थे. अपने पति को आज़ादी की लड़ाई के लिए सेना के दस्ते में शामिल होता देख निडर ऊदा देवी भी वाजिद अली शाह के महिला दस्ते में शामिल हो गईं. उन्होंने महिला दस्ते में रहकर और कई दलित महिलाओं को एक अलग बटालियन तैयार की, जिसे ‘दलित वीरांगनाओं’ के रूप में जाना जाता है.
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यह महिला मार्च राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का प्रतीक है- सुप्रिया श्रीनेत
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह महिला मार्च एकजुटता का संदेश देने और राजनीति को अधिक समावेशी बनाने के साथ-साथ राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का भी प्रतीक है. नारी शक्ति के राजनीतिक पुनरोत्थान को अब कोई ताकत नहीं रोक सकती है. उत्तर प्रदेश से इसकी शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि लखनऊ में आयोजित इस मार्च में डॉक्टर्स, सेविकाओं, शिक्षिकाओं के साथ खेल और सिने जगत से जुड़ी महिलाओं के अलावा कांग्रेस पार्टी की महिला पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल होंगी.
Posted By: Achyut Kumar