शिक्षक अभ्यर्थियों ने शुरू की भूख हड़ताल, कुछ रोते-बिलखते पहुंचे मंत्री अनुप्रिया पटेल के आवास
69 हजार शिक्षक भर्ती में से बचे हुए 6800 पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. कभी यह मुख्यमंत्री आवास पहुंच जाते हैं तो कभी बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास. कई बार इन अभ्यर्थियों ने बीजेपी कार्यालय पर भी प्रदर्शन किया है.
लखनऊ: 69 हजार शिक्षक भर्ती में बचे हुए अभ्यर्थियों ने अपनी लड़ाई और तेजकर दी है. एक तरफ अभ्यर्थियों ने ईको गार्डन में अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है. वहीं दूसरी तरफ कुछ अभ्यर्थी सोमवार शाम को अचानक केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के आवास पहुंच गये. इससे वहां हड़कंप मच गया. आनन-फानन में इसकी जानकारी पुलिस को दी गयी. पुलिस ने किसी तरह सभी अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर वापस ईको गार्डन पहुंचा दिया. इस दौरान अभ्यर्थी रोते-बिलखते रहे.
69 हजार शिक्षक भर्ती में से बचे हुए 6800 पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. कभी यह मुख्यमंत्री आवास पहुंच जाते हैं तो कभी बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास. कई बार इन अभ्यर्थियों ने बीजेपी कार्यालय पर भी प्रदर्शन किया है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान यह अभ्यर्थी अचानक सड़क पर उतर आये थे लेकिन पुलिस ने इन्हें विधान भवन के सामने पहुंचने से पहले ही रोक लिया था. जिससे नाराज होकर अभ्यर्थियों ने कई घंटे तक सड़क पर ही धरना-प्रदर्शन किया था.
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मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के आवास भी पहुंचे थे शिक्षक अभ्यर्थी
इसी कड़ी में रविवार 24 दिसंबर को ये अभ्यर्थी स्वतंत्र देव सिंह के आवास पहुंच गये थे. इन्हें किसी तरह वहां से हटाया गया. 25 दिसंबर की शाम को अभ्यर्थियों ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के आवास के घर पर धावा बोल दिया. अभ्यर्थियों का कहना था कि गलत आरक्षण के कारण नियुक्ति पाने से वंचित रह गये थे. मुख्यमंत्री ने 2022 में नियुक्ति पत्र देने का आश्वासन दिया था. इस पर कोर्ट का आदेश भी आ चुका है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
आरक्षण में घोटाले का है आरोप
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती में 19 हजार सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है. इस घपले से पीड़ित अभ्यर्थी पिछले 3 साल से हाई कोर्ट में अपने न्याय के लिए याचिका दायर कर कोर्ट में लड़ रहे हैं. लेकिन उन्हें आज तक न्याय नहीं मिल पा रहा है. इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया है तथा ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 27% की जगह मात्र 3.86%, एससी वर्ग को 21 की जगह सिर्फ 16.2% ही आरक्षण दिया गया है.