एक्शन में ACS दीपक, अब CDO की अध्यक्षता वाली कमेटी की मंजूरी के बाद ही रिलीव होंगे ट्रांसफर लेने वाले शिक्षक
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को रिलीव करने से पहले मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमेटी द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा. लगातार शिकायतें प्राप्त होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के मुखिया दीपक कुमार ने सत्यापन के लिए कमेटी बनाने का निर्देश दिया है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को रिलीव करने से पहले मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमेटी द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा. तबादलों में कदाचार रोकने के लिए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी जिलों के जिलाधिकारी को निर्देश जारी किए हैं. सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी की जिम्मेदारी है कि गलत दस्तावेज के आधार पर भारांक का लाभ लेने वालों पर एफआइआर दर्ज आदि कानूनी कार्रवाई कराए. गलत या फर्जी जानकारी देने वाले शिक्षकों का तबादला स्वतं ही निरस्त माना जाएगा. कमेटी में सीडीओ के अलावा बीएसए सदस्य सचिव होंगे. एमएस जिला अस्पताल , सीएमओ और डीएम द्वारा नामित पदाधिकारी सदस्य होंगे.
यूपी में 1141 ने बीमारी, 1122 को दिव्यांग का लिया भारांकपरिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 45,914 शिक्षक- शिक्षिकाओं ने तबादला के लिए आवेदन किया था. सोमवार को इन शिक्षकों में से 16,614 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का स्थानान्तरण कर दिया गया. विभिन्न श्रेणी में मिले भारांक से बनी मेरिट लिस्ट के आधार पर 12267 शिक्षिका तथा 4,337 शिक्षकों का तबादला हुआ. स्थानांतरित हुए 16,614 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं में 1141 असाध्य एवं गम्भीर रोगी , 1122 दिव्यांग तथा 393 एकल अभिभावक को दस अंक का अतिरिक्त लाभ दिया गया. 6880 उन शिक्षक- शिक्षिका को भी दस अंक का लाभ मिला जिनके पति- पत्नी सरकारी सेवा में है. इस श्रेणी में शिक्षक एवं शिक्षिका का तबादला किया गया है.
स्थानांतरित हुए 16,614 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को रिलीव करने की कार्यवाही पूरी होती इससे पहले शासन तक शिकायत पहुंच गई कि भारांक में खूब गड़बड़ी हुई है. फर्जी मेडिकल बनाकर तबादला लेने की सबसे अधिक शिकायतें पहुंची. इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने सभी डीएम को पत्र लिखा है. डीएम को निर्देश हैं कि वह सीडीओ की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करे. भारांक के लिए जिन दस्तावेज का संलग्न किया गया है उनकी प्रमाणिकता जांचें. यानि भारांक के आधार पर स्थानांतरिक शिक्षक को इस कमेटी की क्लीनचिट के बाद ही रिलीव किया जाएगा.