लखनऊ. उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए मुसीबत बने मौसम ने 11 जिलों में खेती को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है. 15 मार्च से अब तक 01 लाख 75 हजार 523 किसानों की फसल बर्बाद हो गयी है. प्रभावित रकबा की बात करें तो 35 हजार 479.74 हेक्टेयर में उगायी गयी विभिन्न फसलें प्रभावित हुई हैं. नुकसान का यह वह आंकड़ा है जो उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने मानक के आधार पर रिकार्ड में दर्ज किया है. बड़ी संख्या में किसान ऐसे हैं जिनका नुकसान हुआ है लेकिन सरकारी रिकार्ड में नहीं दर्ज हुआ है. उन किसानों ने मुख्यमंत्री तक अपनी पीड़ा पहुंचायी है.
उत्तर प्रदेश में 15 मार्च 23 से मौसम ने करवट बदली थी, जोकि अभी तक जारी है. कहीं भारी बारिश के साथ ओले गिरे तो कहीं तेज हवाओं ने खड़ी फसल को गिरा दिया. इससे राज्यभर में खेती को नुकसान पहुंचा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को राहत देने के लिए नुकसान का सर्वे कराने के आदेश दिये थे. कृषि विभाग ने सभी प्रभावित पंचायत के एक- एक गांव में टीम भेजकर नुकसान का आंकलन कराया था. जिला कृषि पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने शासन को अपने- अपने जिला की रिपोर्ट भेजी थी.
15 मार्च 23 से अब तक हुई बारिश- ओलावृष्टि से फतेहपुर , आगरा , बरेली , चंदौली , हमीरपुर , झांसी , ललितपुर , प्रयागराज , उन्नाव , वाराणसी तथा लखीमपुर खीरी में खेती को भारी नुकसान हुआ है. किसानों की संख्या और रकबा के आधार पर नुकसान का आंकलन करें तो प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 58393 किसानों की फसल बर्बाद हुई है. इसके बाद चंदौली और फिर प्रयागराज के किसानों की संख्या है. रकबा को आधार मानें तो भी वाराणसी में सबसे अधिक 13112 हेक्टेयर में खेती नष्ट हुई है. इसके बाद ललितपुर का स्थान आता है. बुंदेलखंड के इस जिला में 6216.23 हेक्टेयर में खेती बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गयी.
उप्र सरकार की रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद प्रति किसान नुकसान के आंकड़े जो आते हैं वह चौंकाने वाले हैं. बारिश- ओलावृष्टि से बुंदेलखंड और उससे सटे जिला में नुकसान का रकबा भले ही कम हो लेकिन एक किसान को हुई क्षति की दर सबसे अधिक है. सबसे अधिक ललितपुर के किसान को नुकसान है. यहां औसतन प्रति किसान 0.842 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है. झांसी में एक किसान को औसतन 0.707 हेक्टेयर में नुकसान है. हमीरपुर में यह आंकड़ा 0.686 हेक्टेयर प्रति किसान है. 11 जिला में सबसे कम नुकसान बरेली के किसान को हुआ है. यहां औसतन प्रति किसान 0.180 हेक्टयर में फसल को नुकसान है.
जिला – किसान संख्या
1. वाराणसी -58393
2. चंदौली -11265
3. प्रयागराज -9252
4. ललितपुर -7380
5. उन्नाव -5505
6. फतेहपुर -5026
7. आगरा -4738
8. बरेली -3090
9. लखीमपुर खीरी -2273
10. हमीरपुर -0396
11. झांसी -0205
(स्रोत: मुख्यमंत्री कार्यालय)
जिला- – फसल को नुकसान
1. वाराणसी – 13112 हेक्टेयर
2. ललितपुर – 6216.23 हेक्टेयर
3. प्रयागराज – 4448.20 हेक्टेयर
4. चंदौली – 2986.81 हेक्टेयर
5. आगरा – 2804.15 हेक्टेयर
6. उन्नाव – 2801 हेक्टेयर
7. फतेहपुर – 1343 हेक्टेयर
8. लखीमपुर खीरी – 792.52 हेक्टेयर
9. बरेली – 559 हेक्टेयर
10.हमीरपुर – 271.83 हेक्टेयर
11. झांसी – 145 हेक्टेयर
(स्रोत: मुख्यमंत्री कार्यालय)
राज्य में हजारों की संख्या ऐसे किसानों की है जो फसल बर्बाद होने के बाद सरकारी रिकार्ड में दर्ज नहीं हुए हैं. ऐसे ही एक किसान सुरेंद्र प्रताप सिंह (@Surendra1587) हैं. वह प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. सुरेंद्र ने मुख्यमंत्री ने क्षेत्र का सर्वे किराने का अनुरोध किया है. उनका कहना है कि रानीगंज में भी बहुत नुकसान हुआ है. सीएम कार्यालय को नुकसान का वीडियो भी भेजा है. बाराबंकी के तहसील सिरौलीगौसपुर के मुस्कीपुर के ग्राम प्रधान के पति ओमकार नाथ मौर्या (@OmkarNathMaury6) का कहना है कि बाराबंकी के तहसील सिरौलीगौसपुर के अंतर्गत कई क्षेत्रों में बारिश और ओले गिरने के कारण काफी नुकसान हुआ है. किसान का गेहूं, तरबूज, खरबूजा, केला आदि फसलें नष्ट हो गई हैं . सरकार को इस पर भी संज्ञान लेना चाहिये. प्रतापगढ़ और बाराबंकी प्रभावित 11 जिला वाली सूची से बाहर हैं.