Exclusive : बिगड़े मौसम ने UP के 11 जिला में 1.75 लाख किसानों की बर्बाद कर दी फसल,जानें अब तक कितना हुआ नुकसान

यूपी सरकार के आंकड़ों के अनुसार 75 जिला में 11 जिला बेमौसम बारिश- ओलावृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिला में सबसे अधिक किसानों को नुकसान हुआ. प्रभावित कुल 1.75 लाख किसानों में वाराणसी जिला के किसानों की संख्या 58393 है.

By अनुज शर्मा | April 3, 2023 1:30 AM

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए मुसीबत बने मौसम ने 11 जिलों में खेती को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है. 15 मार्च से अब तक 01 लाख 75 हजार 523 किसानों की फसल बर्बाद हो गयी है. प्रभावित रकबा की बात करें तो 35 हजार 479.74 हेक्टेयर में उगायी गयी विभिन्न फसलें प्रभावित हुई हैं. नुकसान का यह वह आंकड़ा है जो उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने मानक के आधार पर रिकार्ड में दर्ज किया है. बड़ी संख्या में किसान ऐसे हैं जिनका नुकसान हुआ है लेकिन सरकारी रिकार्ड में नहीं दर्ज हुआ है. उन किसानों ने मुख्यमंत्री तक अपनी पीड़ा पहुंचायी है.

तेज हवाओं ने खड़ी फसल को गिरा दिया, गांव- गांव गयी सर्वे टीम

उत्तर प्रदेश में 15 मार्च 23 से मौसम ने करवट बदली थी, जोकि अभी तक जारी है. कहीं भारी बारिश के साथ ओले गिरे तो कहीं तेज हवाओं ने खड़ी फसल को गिरा दिया. इससे राज्यभर में खेती को नुकसान पहुंचा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को राहत देने के लिए नुकसान का सर्वे कराने के आदेश दिये थे. कृषि विभाग ने सभी प्रभावित पंचायत के एक- एक गांव में टीम भेजकर नुकसान का आंकलन कराया था. जिला कृषि पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने शासन को अपने- अपने जिला की रिपोर्ट भेजी थी.

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के किसान- क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित

15 मार्च 23 से अब तक हुई बारिश- ओलावृष्टि से फतेहपुर , आगरा , बरेली , चंदौली , हमीरपुर , झांसी , ललितपुर , प्रयागराज , उन्नाव , वाराणसी तथा लखीमपुर खीरी में खेती को भारी नुकसान हुआ है. किसानों की संख्या और रकबा के आधार पर नुकसान का आंकलन करें तो प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 58393 किसानों की फसल बर्बाद हुई है. इसके बाद चंदौली और फिर प्रयागराज के किसानों की संख्या है. रकबा को आधार मानें तो भी वाराणसी में सबसे अधिक 13112 हेक्टेयर में खेती नष्ट हुई है. इसके बाद ललितपुर का स्थान आता है. बुंदेलखंड के इस जिला में 6216.23 हेक्टेयर में खेती बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गयी.

बुंदेलखंड के किसान को सबसे बड़ी चोट, बरेली में सबसे कम नुकसान

उप्र सरकार की रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद प्रति किसान नुकसान के आंकड़े जो आते हैं वह चौंकाने वाले हैं. बारिश- ओलावृष्टि से बुंदेलखंड और उससे सटे जिला में नुकसान का रकबा भले ही कम हो लेकिन एक किसान को हुई क्षति की दर सबसे अधिक है. सबसे अधिक ललितपुर के किसान को नुकसान है. यहां औसतन प्रति किसान 0.842 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है. झांसी में एक किसान को औसतन 0.707 हेक्टेयर में नुकसान है. हमीरपुर में यह आंकड़ा 0.686 हेक्टेयर प्रति किसान है. 11 जिला में सबसे कम नुकसान बरेली के किसान को हुआ है. यहां औसतन प्रति किसान 0.180 हेक्टयर में फसल को नुकसान है.

आंकड़ों में समझें किस जिला में कितने किसानों का नुकसान

जिला – किसान संख्या

1. वाराणसी -58393

2. चंदौली -11265

3. प्रयागराज -9252

4. ललितपुर -7380

5. उन्नाव -5505

6. फतेहपुर -5026

7. आगरा -4738

8. बरेली -3090

9. लखीमपुर खीरी -2273

10. हमीरपुर -0396

11. झांसी -0205

(स्रोत: मुख्यमंत्री कार्यालय)

आंकड़ों में फसल को पहुंची क्षति

जिला- – फसल को नुकसान

1. वाराणसी – 13112 हेक्टेयर

2. ललितपुर – 6216.23 हेक्टेयर

3. प्रयागराज – 4448.20 हेक्टेयर

4. चंदौली – 2986.81 हेक्टेयर

5. आगरा – 2804.15 हेक्टेयर

6. उन्नाव – 2801 हेक्टेयर

7. फतेहपुर – 1343 हेक्टेयर

8. लखीमपुर खीरी – 792.52 हेक्टेयर

9. बरेली – 559 हेक्टेयर

10.हमीरपुर – 271.83 हेक्टेयर

11. झांसी – 145 हेक्टेयर

(स्रोत: मुख्यमंत्री कार्यालय)

नुकसान हुआ लेकिन सर्वे में नाम नहीं, सीएम को भेजा वीडियो 

राज्य में हजारों की संख्या ऐसे किसानों की है जो फसल बर्बाद होने के बाद सरकारी रिकार्ड में दर्ज नहीं हुए हैं. ऐसे ही एक किसान सुरेंद्र प्रताप सिंह (@Surendra1587) हैं. वह प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. सुरेंद्र ने मुख्यमंत्री ने क्षेत्र का सर्वे किराने का अनुरोध किया है. उनका कहना है कि रानीगंज में भी बहुत नुकसान हुआ है. सीएम कार्यालय को नुकसान का वीडियो भी भेजा है. बाराबंकी के तहसील सिरौलीगौसपुर के मुस्कीपुर के ग्राम प्रधान के पति ओमकार नाथ मौर्या (@OmkarNathMaury6) का कहना है कि बाराबंकी के तहसील सिरौलीगौसपुर के अंतर्गत कई क्षेत्रों में बारिश और ओले गिरने के कारण काफी नुकसान हुआ है. किसान का गेहूं, तरबूज, खरबूजा, केला आदि फसलें नष्ट हो गई हैं . सरकार को इस पर भी संज्ञान लेना चाहिये. प्रतापगढ़ और बाराबंकी प्रभावित 11 जिला वाली सूची से बाहर हैं.

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