अतीक- अशरफ मर्डर केस की जांच कर रही टीम अब पांच सदस्यीय , पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप साहेब भोंसले करेंगे लीड
उत्तर प्रदेश सरकार ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच के लिए गठित आयोग में सदस्यों की संख्या तीन से बढ़ाकर पांच कर दी है. यह आयोग प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या आदि मामलों की जांच कर रही है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग में दो नये सदस्यों को शामिल किया है. ये नये सदस्य हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप साहेब भोंसले और जस्टिस बीरेंद्र सिंह हैं. पांच सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता जस्टिस दिलीप साहेब भोंसले करेंगे.गौरतलब है कि प्रयागराज में 15 अप्रैल 23 शनिवार रात 10.30 बजे अतीक अहमद और अशरफ अहमद की उस वक्त हत्या कर दी गई थी जब रुटीन मेडिकल के लिए उनको प्रयागराज के काल्विन अस्पताल लाया गया था. इस मामले में लवलेश, सनी और अरुण तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
आयोग को करनी है 15 अप्रैल को प्रयागराज में घटी हर घटना की जांच
16 अप्रैल को गृह विभाग ने कमीशन ऑफ़ इनक्वायरी एक्ट 1952 के तहत इस न्यायिक आयोग को गठित किया था. इलाहाबाद हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज अरविंद कुमार त्रिपाठी द्वितीय की अध्यक्षता में इस जांच आयोग में सुबेश कुमार सिंह सेवानिवृत्त डीजीपी और रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी को सदस्य बनाया गया था. 15 अप्रैल को जनपद प्रयागराज के संपूर्ण घटनाक्रम की विस्तृत जांच के लिए इस आयोग का गठन किया गया है. न्यायिक आयोग को दो महीने में जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपनी है.
न्यायिक आयोग की टीम प्रयागराज के काल्विन अस्पताल पहुंची
अतीक अहमद की हत्या की जांच करने शुक्रवार को न्यायिक आयोग की टीम प्रयागराज के काल्विन अस्पताल पहुंची. घटनास्थल पर आयोग की टीम के साथ मोतीलाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MLNIIT)की टेक्निकल टीम भी थी. इस टेक्निकल टीम से अस्पताल में जैसे- जैसे घटना हुई थी वैसे- वैसे क्राइम सीन क्रियेट किये. आयोग के सदस्यों ने देखा कि पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और उसके भाई को जब गोली मारी गयी थी उस समय कौन पुलिस कर्मी कहां खड़ा था. किसकी कितनी दूरी थी.